भारतीय वन्य जीव संस्थान के तत्वाधान में इस्माइलपुर प्रखंड में गंगा प्रहरी राहुल कुमार राज के नेतृत्व में विश्व मगरमच्छ दिवस मनाया गया.राहुल कुमार राज ने बताया कि हिन्दू धर्मग्रंथों में देवी गंगा का वाहन मगरमच्छ है. जो जलीय प्राणियों में सर्वाधिक शक्तिशाली और परम वेगवान माना गया है. मगरमच्छ एक प्रतीक है जो बताता है हमें जल में रहने वाले हर प्राणी की रक्षा करनी चाहिए. क्योंकि जल में रहने वाला हर प्राणी पारिस्थितिक तंत्र के लिए महत्वपूर्ण है और उसकी अनुपस्थिति में पारिस्थितिक तंत्र बिगड़ जाएगा.
चम्बल नदी में मगरमच्छ देश में सबसे ज्यादा यहीं पाये जाते है. मगरमच्छ की औसत आयु 70 साल होती है. मगरमच्छ ज्यादातर मछली , उभयचर , क्रस्टेशियन , मोलस्क , पक्षी , सरीसृप और स्तनधारियों को खाते हैं. मादा मगरमच्छ एक साथ 20 से 80 अंडे देती है और 3 माह तक इन अंडों की देखभाल करती हैं. लेकिन इनमें से 99% मगरमच्छ बड़े होने के पहले ही मर जाते हैं या फिर किसी जानवर का शिकार हो जाते हैं.
अंत में गंगा प्रहरी राहुल कुमार राज ने बताया कि अगर इंसान कभी मगरमच्छ की चपेट में आ जाते हैं, तो मगरमच्छ के जबड़े की पकड़ से बचने के लिए उसकी आंखों को अपने अंगूठे से दबाएं, वह आपको तुरंत छोड़ देगा. इस कार्यक्रम में सुबोध कुमार दिलकुश कुमार, गौतम कुमार,जोनी कुमारी,दीपक कुमार, राज कुमार इत्यादि युवा एवम युवती उपस्थित रहे.