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मंजूषा कला प्रशिक्षण मनोज पंडित ने कहा- यह मंजूषा के लिए है शुभ संकेत

इतिहास में पहली बार मिथिला की धरती दरभंगा में अंग क्षेत्र की लोक कला मंजूषा कला का सात दिवसीय प्रशिक्षण बिहार बल भवन किलकारी के प्रांगण में हो रहा है, किलकारी के प्रमंडलीय कार्यक्रम समन्वय सहायक कार्यक्रम समन्वयक लेखापाल एवं लोक कलाकार के साथ-साथ सभी प्रतिभागी काफी उत्साहित दिख रहे हैं, बिहार की संघर्षशील मंजूषा कला को आगे बढ़ाने मे.

सरकार से लेकर कई संस्थान भी इसमे बढ़ चड कर हिस्सा ले रही है,निरंतर संघर्ष कर रही है, इस संघर्ष में शहर के कई मंजूषा प्रशिक्षक का अहम योगदान रहा है, दरभंगा मे हो रहे मंजूषा प्रशिक्षण मे मंजूषा प्रशिक्षक मनोज पंडित अपना अहम योगदान दे रहे हैं, आज भारत के कोने कोने में मंजूषा कला का अलख जगाते हुए अपनी ही बिहार की धरती मिथिला में मंजूषा कला का अलख जगाने का काम कर रहे हैं ,मंजूषा प्रशिक्षक मनोज पंडित ने बताया की मिथिलांचल मे मंजूषा कला के प्रति यहां के लोगों में भी काफी रुझान है यह मंजूषा कला के लिए बहुत ही शुभ संकेत है, मिथिला कि धरती दरभंगा में मंजूषा कला की काफी प्रशंसा हो रही है।

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