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क्लिनिक के सामने शव रखकर धरना पर बैठे परिजन

नवगछिया। बिहपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत बिहपुर स्थित मां उर्मिला क्लिनिक में शुक्रवार की दोपहर प्रसव के दौरान जच्चा की मौत हो गई। हालांकि प्रसूता को जुड़वां बच्चा बेटा हुआ है और दोनो बेगुसराय में इलाजरत है। वही मौत के बाद मृतका के परिजनों ने मां उर्मिला क्लिनिक में जमकर हंगामा कर दिया। मृतका के घरवाले डॉक्टर पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगा रहे थे। शुक्रवार शाम से लेकर शनिवार सुबह 11 बजे तक परीजन क्लिनिक के बाहर शव को रख कर धरना पर डटे रहे। सूचना पर पहुंची पुलिस के डायल 112 की टीम ने काफी मशक्कत के बाद लोगों को समझाने का प्रयास किया लेकिन परीजन कुछ सुनने को तैयार नही थे। सूचना मिलते हीं बिहपुर थानाध्यक्ष राहुल कुमार ठाकुर, झंडापुर थानाध्यक्ष मनोज कुमार, ख़रीक थानाध्यक्ष नरेश कुमार दलबल के साथ उर्मिला क्लिनिक पहुंचे और आक्रोशित लोगों को शांत करने का प्रयास किया लेकिन मृतका के परीजन शांत नही हो रहे थे। पूरी रात पुलिस टीम क्लिनिक पर मौजूद रही।

शनिवार दिन के 11 बजे तक क्लिनिक के सामने मृतका के शव को रखकर सभी धरना पर बैठे रहे। मृतका की पहचान बेगुसराय साहेबपुर कमाल निवासी छोटू यादव की 23 वर्षीय पत्नी प्रियम देवी के रूप में हुई है। मृतका का मायका बिहपुर थाना क्षेत्र के धर्मपुर रत्ती पंचायत के वार्ड संख्या 06 निवासी सागर यादव उनके पिता है। पिता सागर यादव ने बताया कि 30 मई की सुबह वह अपनी पुत्री को प्रसव के लिए बिहपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर गए थे। जहां डॉक्टर ने उसे बेहतर इलाज के लिए मायागंज अस्पताल भागलपुर रेफर कर दिया। बताया गया कि बिहपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की आशा सरिता देवी ने प्रसूता को मायागंज नही लेकर गए। आशा सरीता देवी ने परीजन को बहला फुसलाकर यह कहकर बिहपुर के मां उर्मिला क्लिनिक में भर्ती करवा दिया कि मायागंज में लेकर जाएंगे तो हम मरीज और नवजात का रिस्क नही लेंगे। सीएचसी बिहपुर से मिली जानकारी के अनुसार प्रियम देवी को रेफर करने के पहले उसकी सारी स्थिति की जांच में ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ था बांकी सबकुछ सामान्य था। रक्तस्राव भी नही हो रहा था। परीजन ने कहा कि मां उर्मिला क्लिनिक में इस एवज में उनसे एक लाख रूपीए से अधिक फीस व अन्य खर्च लिया गया था। वहीं इस संबंध में मां उर्मिला क्लिनिक के डॉक्टर राजेश कुमार से मोबाइल पर कई बार संपर्क असफल रहा।

प्रसूता की मौत होने के बाद डॉक्टर ने बाय जबरन एम्बुलेंस से भेजा मायागंज

परिजनों ने कहा की मेरी बेटी की मौत बिहपुर सीएचसी की आशा सरिता देवी और डॉक्टर राजेश कुमार की लापरवाही के कारण हुआ है। डॉक्टर ने ऑपरेशन के पूर्व खुन नही चढ़ाया जिस कारण प्रसूता की तबियत अधिक खराब हो गई। पिता ने कहा, मेरी बेटी की मौत उर्मिला क्लिनिक में हो गया था लेकिन डॉक्टर ने अपने बचाव के लिए एम्बुलेंस मंगवाकर बाय जबरन उनकी बेटी को मायागंज भेज दिया। बताया गया की जिस एम्बुलेंस से मायागंज भेजा गया था उसका चालक मायागंज पहुंचते ही वाहन छोड़कर फरार हो गया। सागर यादव ने डॉक्टर और बिहपुर पुलिस पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए बताया कि घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस अधिकारी के द्वारा हमलोगों पर कई तरह से दवाब बनाकर डेढ़ लाख रूपीए देकर एक सुलहनामे पर हस्ताक्षर करवा लिया। स्थानीय असमाजिक तत्वों को बुलाकर डराने धमकाने की बात परिजनों द्वारा बतायी गई। जिसके बाद शव को लाचार परीजन अपने घर लेकर चले गए। देर शाम शव का दाह संस्कार कर दिया गया। मृतक प्रियम देवी की 2019 में साहेबपुर कमाल के छोटू से विवाह हुआ था। छोटू मुम्बई में बिस्किट फैक्ट्री में काम करते हैं। घटना कि जानकारी पाकर बिहपुर पहुंचे। बिहपुर थानाध्यक्ष राहुल कुमार ठाकुर ने कहा, मामले की जानकारी मिली परिजनों को समझा बुझाकर भेज दिया गया। आवेदन नही मिला है आवेदन मिलने पर जांचोपरांत कार्यवाई होगी।

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