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इस साल बिहार में बिहार विधानसभा चुनाव होना है वही राजनीति बिगुल फूंक दिया गया है पक्ष विपक्ष एक दूसरे पर वार प्रतिवार कर रहे हैं वहीं पार्टी के फेरबदल भी जारी है परिवहन मंत्री संतोष निराला ने राजद के दलित नेताओं के आरोप पर पलटवार करते इस विपक्षी दल को चुनौती दी है। कहा कि राजद किसी दलित को मुख्यमंत्री बनाने की घोषणा करे। हमारे नेता नीतीश कुमार ने तो महादिलत नेता जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाया था। अगर श्याम रजक, उदय नारायण चौधरी और रमई राम में हिम्मत है तो राजद और इसके नेता से घोषणा कराएं कि राजद का सीएम प्रत्याशी कोई दलित नेता होगा।

मंत्री ने कहा कि अगर राजद वाकई दलितों का हितैषी है तो वह दलित चेहरा को मुख्यमंत्री बनाने की घोषणा कर दे। कहा कि बिहार विधानसभा के चुनाव में राजद की दाल गलने वाली नहीं है। नीतीश कुमार आज वंचितों, निचले पायदान पर रहने वालों को सरकार की हर योजना का लाभ दे रहे हैं। एससी-एसटी को उद्योगपति बनाने के लिए हमारी सरकार ने नीति बनायी है।

‘आजादी के बाद दलितों के उत्थान में नीतीश जी ने सर्वाधिक काम किया’
भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार देश में आजादी के बाद दलितों के उत्थान के लिए सर्वाधिक काम करने वाले मुख्यमंत्री हैं। आंकड़े गवाही देते हैं कि 15 साल में उन्होंने दलितों के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक विकास के लिए किस तरह प्रतिबद्धता दिखलायी है। कहा कि सत्ता में आने के बाद उन्होंने उदय नारायण चौधरी को दो-दो बार विधानसभा का अध्यक्ष बनयावा। महादलित जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाया। श्याम रजक लम्बे समय तक प्रदेश के मंत्री रहे, फिर भी कुछ लोग निरर्थक आरोप लगा रहे हैं।

अशोक चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार ने पहली बार 2007 में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित कल्याण विभाग का गठन किया। राज्य महादिलत आयोग बिहार का गठन किया एवं 2008 में महादलित विकास मिशन का गठन किया गया। पहली बार 2006-07 में विकास कार्यों पर 8647 करोड़ का रेकॉड व्यय हुआ जो व्यय लक्ष्य का 102 प्रतिशत है। पहले जहां सम्पूर्ण समाज कल्याण विभाग का बजट केवल 40 करोड़ का था, आज केवल अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग का बजट 1600 करोड़ है।

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