भागलपुर के जगदीशपुर प्रखंड के अंचल कार्यालय में मोटेशन के नाम पर दिन-दोपहर खुलेआम भ्रष्टाचार का खेल चल रहा है। कार्यालय दलालों का अड्डा बन गया है, लेकिन प्रखंड अथवा जिले के वरीय अधिकारी इस पर कोई संज्ञान नहीं ले रहे हैं। ताजा मामला भवानीपुर देशरी पंचायत की प्रियंका देवी का है, जिन्होंने मोटेशन के लिए आवेदन दिया था। सभी आवश्यक कागजात देने के बाद भी कर्मचारी सूरज कुमार ने उनका आवेदन यह कहकर रिजेक्ट कर दिया कि “अपलोड किया हुआ पीडीएफ नहीं दिखता है”। प्रियंका देवी का कहना है कि सभी दस्तावेज सही-सही अपलोड किए गए थे और वह दिख भी रहे हैं, जबकि कर्मचारी सूरज कुमार झूठ बोल रहे हैं।
प्रियंका देवी ने यह भी आरोप लगाया है कि कर्मचारी सूरज कुमार ने जांच करने या मामले के निष्पादन में कोई रुचि नहीं दिखाई, बल्कि दलाल के माध्यम से उन्हें अंचल कार्यालय बुलाकर सीधे काम करने के बदले 4,000 रुपये की मांग की। रुपया न देने पर उनका आवेदन रिजेक्ट कर दिया गया, और कारण के रूप में “पीडीएफ सही से नहीं दिख रहा” लिखा गया।
प्रियंका देवी ने बताया कि वह अंचल कार्यालय और डीसीएलआर कार्यालय का चक्कर लगाते-लगाते परेशान हो चुकी हैं। कर्मचारी यह कहकर पल्ला झाड़ लेते हैं कि मामला जिले से निष्पादित होगा, जबकि जिले में कहा जाता है कि यह अंचल में होगा। आवेदिका का आरोप है कि कर्मचारी ने न तो मामले का निष्पादन किया, न ही किसी कागजात की मांग की, और न ही संबंधित स्थल पर पहुंचे।
जगदीशपुर अंचल कार्यालय में भ्रष्टाचार का खेल खुलेआम जारी है, लेकिन अधिकारी इस पर मौन हैं। किस-किस कर्मचारी और अधिकारी की मिलीभगत से यह खेल जगदीशपुर अंचल में चल रहा है, यह तो जिले के वरीय अधिकारी की जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा।