भागलपुर के पीरपैंती प्रखंड अंतर्गत कीर्तनीय पंचायत के साथ साथ कई पंचायत में आक्रोश देखने को मिला जब सुबह-सुबह ग्रामीणों को पता चला कि पकड़िया लाला टोली स्थित काली मंदिर जहाँ सैकड़ो वर्षों से लोगों की भावना जुड़ी हुई है उस जमीन को बेच दिया गया। देखते ही देखते पूरा गांव उस मैदान मे इकट्ठा हो गए, जब उन लोगों को पता चला कि सैकड़ो वर्ष से पूजा हो रही पूरा मंदिर परिसर को ही बेच दिया गया है इस मामले को जानकर वहां के लोग काफी आक्रोशित दिखे।
गौरतलब हो की पूर्व में पकड़िया काली मंदिर लाला टोली स्थित लाल परिवार के द्वारा उनके पूर्वजों के द्वारा लोगों को पूजा करने के लिए छोड़ दिया गया था । उस जगह पर हर साल प्रवचन मेला नाट्य कला एवं कई तरह के प्रोग्राम सालों भर होते रहते हैं। इसके साथ ही साथ उस मेला के लिए लाइसेंस भी निर्गत होता है और पीरपैंती प्रखंड के काली मेला में पकड़िया कला पकड़िया काली मेला भी बहुत नामी है।
इसको लेकर प्रदेश मुखिया संघ के उपाध्यक्ष पूर्व मुखिया और मुखिया प्रतिनिधि झुंपा सिंह ,पंचायत समिति सदस्य सुधीर पांडे, एवं सरपंच पति बड़कू मिश्रा के अलावे सैकड़ो ग्रामीण एकजुट होकर अंचल अधिकारी पीरपैंती के नाम से एक आवेदन लिखा गया साथ ही.
साथ उसकी प्रतिलिपि जिला पदाधिकारी एवं राजस्व मंत्री बिहार सरकार को भी प्रेषित किया गया जिसमें बताया गया कि यह जमीन हम लोगों के पास सैकड़ो वर्ष है जिस पर हर साल मेला का लाइसेंस मिलता है इस पर उचित निर्णय लिया जाए जिस हिंदू धर्म के आस्था पर चोट ना पहुंचे वही आक्रोशित ग्रामीणों ने बताया कि हम लोग आगे की कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए तैयार है। वही उसे प्रखंड के मुखिया ने कहा अगर जमीन मालिक को इस जमीन का पैसा चाहिए तो हम गांव वाले चंदा इकट्ठा कर उन्हें पैसा दे देंगे लेकिन यह मंदिर परिसर बरकरार रहे यही गांव वालों की भी इच्छा है।