नारायणपुर: सोमवार को बलाहा का दिवाकर कुमार सिंह जमीन विवाद में न्याय नहीं मिलने के कारण वर्तमान कानून व्यवस्था से निराश होकर अंचल कार्यालय में पत्नी बेबी देवी,पुत्र वंशराज मौर्या,हंसराज मौर्या,पुत्री लवनयु मौर्या,वैष्णवी मौर्या सपरिवार आमरण अनशन पर बैठ गया था।अनशन की जानकारी दिवाकर ने सीओ को पूर्व में दिया था। इसलिए अंचल कार्यालय नारायणपुर पहुंचकर सपरिवार अनशन किया।
इससे पहले दिवाकर ने तीन साल में न्याय पाने के लिए तीन बार आत्मदाह का भी प्रयास किया था लेकिन न्याय नहीं मिला। सोमवार को सीओ अजय कुमार सरकार ने दिवाकर से समस्या जानने के बाद सात दिनों में समाधान करने का अस्वासन देने पर अनशन समाप्त किया गया।लेकिन दिवाकर ने कहा कि इस बार समाधान नहीं हुआ तो सात दिन बाद अंचल कार्यालय में तबतक सपरिवर आमरण अनशन करेंगे जबतक न्याय नहीं मिलेगा।
क्या है मामला: दिवाकर सिंह के पिता बलराम सिंह ने अपनी पत्नी की मौत के बाद एक महिला से दूसरी शादी किया।उस महिला को एक अवयस्क पुत्र,पुत्री भी था जो बलराम सिंह की दूसरी पत्नी के साथ शादी के बाद बलाहा आई । जब बलराम सिंह का अवयस्क पुत्र शैलेंद्र सिंह व्यस्क हो गया तो उसने जनप्रतिनिधि के सहयोग और उसके मिलीभगत से फर्जी वंशावली (पारिवारिक सदस्यता) बना लिया जिसमें शैलेंद्र सिंह ने खुद को बलराम सिंह का पुत्र बताया।
जनप्रतिनिधि की गलती को मजबूत करने का काम तत्कालीन नारायणपुर अंचल के कर्मी ने भी किया। जनप्रतिनिधि की गलती के कारण शैलेंद्र ने अपने कथित पिता बलराम सिंह की जमीन पर हिस्सेदारी कायम करने के लिए फर्जी तरीके से दिवाकर के हिस्से की जमीन दिवाकर को झूठ बोलकर उसे विश्वास में लेकर बेच दिया। उसके बाद दिवाकर के हिस्से की जमीन पर घर भी बना दिया।
जब दिवाकर को इसकी जानकारी हुई तो उसने अधिकारी का दरवाजा खटखटाना शुरू किया लेकिन आज तक दिवाकर को न्याय नहीं मिला।पिता की मौत में बाद दिवाकर दर-दर भटक रहा है। वर्ष 2019 में भी दिवाकर ने एक बार आत्मदाह का प्रयास और एक बार नारायणपुर अंचल कार्यालय में सीओ के सामने जहर खा लिया था लेकिन आजतक न्याय नहीं मिला है।