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रंगरा पुलिस ने जितने भी चार चक्के वाहन जप्त किए आधिकांश को गड्ढे में रखा, गड्ढे में बरसात का पानी भर जाने के कारण पानी में तैर रही है गाड़िया

जबकि अनुमानतः दो दर्जन मोटर साइकिल और अन्य जप्त की गई गाडियां भी थाना परिसर में बन रही हैं कबाड़

नवगछिया : विभिन्न मामलों में रंगरा पुलिस के द्वारा जप्त की गई गाड़ियां इन दिनों पानी और मिट्टी में धंस कर जमींदोज हो रहें हैं। पानी में रह कर जहां चार चक्के वाहन अपनी अंतिम सांसे गिन रही हैं तो वहीं लगभग दो दर्जन दो पहिए वाहन मिट्टी में धंसकर और धूप-बरसात में कबा बन रहें हैं। अमूमन यही दुर्दशा लगभग सभी थाने में जप्त की गई गाड़ियों की है। सूत्रों की माने तो थाने में लगीं अधिकांश गाड़ियां मद्द निषेध अधिनियम के तहत शराब मामलों में जप्त की गई होती है। इसके अलावे अन्य कांडों में भी गाड़ियों को जप्त कर रखा गया है। बताते चलें कि जब से बिहार में शराब बंदी हुआ है तब से लोगों के द्वारा विभिन्न तरीकों से देशी और विदेशी शराब का काला कारोबार चलाए जाने के क्रम में दो पहिए वाहन से लेकर चार पहिये वाहन का उपयोग धरल्ले से किया जाता है। जिसके कारण पुलिस के द्वारा कार्रवाई करते हुए ऐसी गाड़ियों को जप्त कर लिया जाता है। हालांकि शराब कारोबारियों के द्वारा अधिकांश गाड़ियों के नंबर प्लेट फेर-बदल कर दिए जाते हैं, साथ ही गाड़ी के इंजन और चेचिस नंबर को भी स्क्रेच कर मिटा दिया जाता है।

ताकि शराब कांड में गाड़ी पकड़ाने के बाद पुलिस को वाहन के असली मालिक का पता नहीं चल सके। यही कारण है कि पुलिस के द्वारा जप्त की गई गाड़ियों को नीलामी करने या छोड़ पाना दोनों हीं पुलिस के लिए मुश्किल होता है। ऐसे भी शराब बंदी के बाद पुलिस के द्वारा शराब कांडों में जप्त की गई गाड़ियों को जल्दी जमानत नहीं दिया जाता है। ऐसी स्थिति में उन गाड़ियों की सीधे नीलामी की जाती है। फिलवक्त रंगरा ओपी के अलावे कई थानों में करोड़ों की संपत्ति की गाड़ियां कबाड़ बन रही है।

हालांकि पुलिस के द्वारा जप्त की गई गाड़ियां की रखरखाव की व्यवस्था अनुमंडल के विभिन्न पुलिस थाने के पास नहीं के बराबर है। साथ ही पुलिस के द्वारा लगातार कार्रवाई किए जाने के बाद ऐसे गाड़ियों की तादाद थाने में लगातार बढ़ती हीं जा रही है। यहां तो कई सहायक थाने में पुलिस जवानों को रहने के लिए पर्याप्त भवन तक नहीं है, तो ऐसे में जप्त की गई गाड़ियों को आखिर पुलिस कहां रखेगी। लिहाजा नवगछिया अनुमंडल के विभिन्न थानों में करोड़ों की मूल्य की गाड़ियां सड़ रही है।

कहते हैं रंगरा ओपीध्यक्ष बिट्टू कुमार कमल

इस संबंध में रंगरा ओपी प्रभारी बिट्टू कुमार कमल से जब पूछा गया तो उन्होंने कहा जल्द ही पानी में डूबी सभी गाड़ियों को बाहर निकाल कर थाना के पीछे सूखे जमीन पर रखा जाएगा।

इस मामले में माननीय सुप्रीम कोर्ट के विचार

“हमारे विचार में, जो भी स्थिति हो, इस तरह के जब्त वाहनों को पुलिस स्टेशनों पर लम्बी अवधि तक रखने का कोई फायदा नहीं है। यह मजिस्ट्रेट के लिए है कि वह उचित समय पर तुरंत उचित आदेश पारित करे और गारंटी के साथ-साथ किसी भी समय आवश्यक होने पर उक्त वाहन की वापसी के लिए सुरक्षा प्रदान करने को कहे।”

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