


सगा भाई और भतीजा बना झूठे केस का गवाह
ग्रामीणों में आक्रोश
नवगछिया । आजकल झूठे केस दर्ज करवाने की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं, जिससे निर्दोष लोगों को मानसिक, सामाजिक और आर्थिक रूप से नुकसान उठाना पड़ता है। झूठे आरोपों के कारण ही कई निर्दोष लोग सालों तक कानूनी लड़ाई में फंसे रहते हैं, जिसके चलते उनका करियर और निजी जीवन खराब हो जाता है। इस प्रकार के मामलों में लोग ना केवल न्याय व्यवस्था का दुरुपयोग करते हैं, बल्कि दोषियों को बचने का मौका भी देते हैं। ताजा मामला नवगछिया पुलिस जिलांतर्गत भवानीपुर थाना क्षेत्र के ग्राम नवटोलिया का है। मिली जानकारी के अनुसार नवटोलिया वार्ड संख्या- 13 निवासी विजय चौधरी उर्फ माटो पिता स्व नागेश्वर चौधरी ने गोतियारी जमीनी विवाद में गत वर्ष 06 जनवरी 2024 को प्रथम अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी नवगछिया में एक साजिश के तहत फंसाने एवं परेशान करने की नीयत से नवटोलिया गांव निवासी जानेमाने वैज्ञानिक सह सेवानिवृत सुप्रसिद्ध वेटनरी डॉक्टर सुधीर कुमार चौधरी व उनके परिवार वालों पर हथियार के बल पर डकैती, लूटपाट व गोलीबारी करने का झूठा व मनगढ़ंत नालसी केस संख्या- 07/24 दर्ज कराया है। विजय चौधरी ने डॉक्टर के पुत्र समेत परिवार वालो पर आरोप लगाया है कि 26 दिसंबर 2023 की रात्री करीब 08 बजे उनके पुत्र व परिवार वालों ने हथियार के बल पर घर मे घुसकर डकैती, गोलीबारी, तोड़फोड़ व लूटपाट की घटना को अंजाम दिया है, जो झूठा, मनगढ़ंत व साजिश के तहत डॉक्टर के परिवार वालों को परेशान करने की नीयत से दर्ज कराया गया है।

जमीनी विवाद में डकैती व गोलीबारी के झूठे केस का गवाह बना होमगार्ड जवान
होमगार्ड जवान घटना के दिन नवगछिया थाना में था ड्यूटी पर तैनात
होमगार्ड जवान पर होना चाहिए कार्यवाई
ज्ञात हो कि डकैती व गोलीबारी के इस झूठे मुकदमे में वादी विजय चौधरी उर्फ माटो ने अपने सगा भाई होमगार्ड जवान अंजनी चौधरी पिता स्व नागेश्वर चौधरी और भतीजा रत्नेश चौधरी पिता निरंजन चौधरी को गवाह बना कर बेखौफ होकर कानून और न्यायालय के साथ खिलवाड़ किया है। इस मामले में दोनों गवाह ने न्यायालय में न्यायाधीश के समक्ष झूठा गवाह भी दे दिया है, जिससे ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है। जबकि होमगार्ड जवान अंजनी चौधरी घटना के दिन नवगछिया थाना में ड्यूटी पर तैनात था फिर घर मे हुई घटना को कैसे देख सकता है? न्यायालय में होमगार्ड अंजनी चौधरी ने गवाह में यह बयान दिया है कि उसने घटना को अपनी नजरो से देखा है। जबकि वह उस तिथि को अंजनी चौधरी नवगछिया थाना में ड्यूटी पर तैनात था। होमगार्ड कार्यालय में दर्ज उपस्थिति अंजनी चौधरी के नवगछिया में ड्यूटी में उपस्थित होने का प्रमाण है कि वह घटना के दिन नवगछिया में ड्यूटी पर था। जो घटना को असत्य साबित करने के लिए पर्याप्त है।

जनप्रतिनिधियों एवं ग्रामीणों ने डकैती की घटना को झूठा व मनगढ़ंत बताया
वही इस मामले में पंचायत एवं प्रखंड भर के जनप्रतिनिधियों समेत ग्रामीणों ने कहा कि विजय चौधरी और डॉ सुधीर चौधरी के बीच कुछ वर्षों से जमीनी विवाद चल रहा है। डकैती व गोलीबारी जैसी किसी प्रकार की घटना नवटोलिया गांव में कभी घटित नहीं हुआ है। डॉक्टर के परिवार वालों पर लगाया गया आरोप पूरी तरह मनगढ़ंत व साजिश है। डॉक्टर को परेशान करने के लिए पिछले माह ही उसके क्लिनिक में आग लगा दिया गया और अब झूठा आरोप लगाकर नालसी केस दर्ज कर दिया है। जनप्रतिनिधियों समेत ग्रामीण एकजुट होकर डॉक्टर के पक्ष में न्यायालय व पुलिस के समक्ष गवाह देने की बात कह रहे हैं। साथ ही झूठे गवाह बने होमगार्ड जवान अंजनी चौधरी और भतीजा रत्नेश चौधरी पर झूठा गवाही देने के आरोप में कानूनी कार्यवाई करने की मांग न्यायालय व प्रशासन से किया है।
डॉक्टर सुधीर कुमार चौधरी का पृष्टभूमि: डॉक्टर सुधीर कुमार चौधरी राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय पूसा समस्तीपुर में मुख्य वैज्ञानिक के रूप में कई वर्षों तक कार्यरत रहे हैं और अंत मे बिहार भेटनरी कॉलेज पटना के प्राचार्य पद से सेवानिवृत्त होकर अपने जन्मस्थली नवटोलिया गांव में घर बनाकर स्थायी रहने लगे। इनके यहां रहने के बाद से ही इनके गोतीया विजय चौधरी उर्फ माटो जमीन को लेकर इनके पुत्र व परिवार वालो को साजिश के तहत विभिन्न तरह से प्रताड़ित करने लगे। डॉक्टर सुधीर कुमार चौधरी के चारो पुत्र डॉक्टर हैं तथा एक पोता विदेश में एमबीबीएस की पढाई कर रहे हैं। यही नही डॉक्टर सुधीर के पिता स्व शिव शंकर चौधरी भी इलाके के महान विद्वान तथा शिक्षा विभाग के उच्च पद पर कार्यरत थे। गौरतलब हो कि जिस परिवार का चार पीढ़ी सिर्फ शिक्षा एवं समाजिक सेवा के क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिए हों, उस परिवार के महिला-पुरूष किसी के घर में घुसकर आपराधिक कृत्य को अंजाम कैसे दे सकता है? जगजाहिर है कि डॉक्टर का परिवार शुरू से ही बाहर रहते थे और इधर इनके हिस्से की जमीन व संपत्ति पर इनके गोतीया विजय चौधरी व अन्य कब्जा करके सुख भोगते आए थे। वहीं अब डॉक्टर के सेवानिवृत्ति के बाद उनका परिवार जब गांव आकर रहने लगे तथा अपने हिस्से की जमीन व संपत्ति को कानूनी रूप से प्राप्त करने का प्रयास किये तो इनलोगों पर एक साजिश के तहत फंसाने की नीयत से डकैती, लूट व गोलीबारी का झूठा मुकदमा न्यायालय में दर्ज करा दिया। वही विजय चौधरी द्वारा केस में वर्णित भवानीपुर पुलिस पर केस नही लेने का भी आरोप लगाकर पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठाया है, जो जांच का विषय है, क्योंकि डकैती व गोलीबारी जैसी जघन्य घटना हो और संबंधित पुलिस पीड़ित का केस लेने से इंकार कर दे, यह घटना के तथ्यहीन होने का प्रमाण है।
