इधर भाकपा माले ने उच्च स्तरीय जांच व न्याय की गारंटी के लिए पुलिस के विरोध में मोर्चा खोल दिया है. भाकपा-माले ने रंगरा प्रखंड में तीनटंगा दियारा के झल्लूदास टोला, क्रान्तिकुंज, ज्ञानीदास टोला, बिंदटोली आदि में कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान सैकडों कार्यकर्ताओं – नेताओं व पार्टी समर्थकों ने पोस्टर – प्लेकार्ड के जरिए उपरोक्त मांगों को बुलंद करते हुए नीतीश-भाजपा सरकार में बेटियों – महिलाओं के साथ बढ़ते यौन अपराध व बर्बर हिंसा के खिलाफ आक्रोश जताया. प्रदर्शन करने वाले लोगों ने रंगरा थानाध्यक्ष समेत इस मामले में जांच कर रहे वरीय पुलिस पदाधिकारी को बर्खास्त करने की मांग की है.
नेतृत्व कर रहे भाकपा माले जिला कमेटी सदस्य सह रंगरा प्रखंड प्रभारी पुरुषोत्तम दास ने मौके पर कहा कि नीतीश-भाजपा की सरकार में सत्ता संरक्षित अपराधियों का तांडव जारी है. पुलिस प्रशासन हत्यारों – बलात्कारियों के पक्ष में खड़ी है. एकता कुमारी की विभत्स हत्या व संभावित दुष्कर्म के लिए सीधे तौर पर रंगरा थाना प्रभारी व नौगछिया डी.एस.पी. जिम्मेदार है. नीतिश – भाजपा की सरकार बताए कि एकता की अर्धनग्न व सिरकटी लाश मिलने तक पुलिस ने कोई कार्रवाई क्यों नहीं की ? आखिर किसके इशारे पर 18 दिनों तक पुलिस निष्क्रिय रही.
भाकपा-माले एकता को न्याय की गारंटी तक संघर्ष जारी रखेगी. भाकपा-माले के जिला कमिटी सदस्य सह रंगरा प्रखंड प्रभारी पुरुषोत्तम दास, सुरेश संगम, रविन्द्र मंडल, कंचन देवी, रिंकू देवी, प्रसादी साह, मधुमाला देवी, पिंकी देवी, महेंद्र मंडल, नरहरि मंडल, आशा देवी, हुक्मलाल मंडल, नंदलाल मंडल, अक्कल मंडल, नरेश मंडल, लोचन मंडल, लाल बहादुर मंडल, योगेंद्र ठाकुर, अनिल मंडल, मिथुन कुमार, प्रशांत कुमार, विपिन कुमार, मुकेश ठाकुर, धर्मेंद्र कुमार, वकील मंडल, नागेश्वर मंडल, अखिलेश मंडल, सुजीत मंडल, विदेशी मंडल, सोनी कुमारी, रुबी कुमारी, रीता देवी, शकुंतला देवी, मीना देवी, तारा देवी व दुखनी देवी ने अलग – अलग स्थानों पर किए गए प्रदर्शन का नेतृत्व किया.