भागलपुर : बिहार सरकार अपने खर्चे पर जातिगत जनगणना करा रही है, हालांकि बीते वर्ष ही सर्वेक्षण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी लेकिन कुछ कारणवस इसे हाईकोर्ट के आदेश पर स्थगित कर दिया गया था। वही फिर से इससे हरी झंडी मिलने के पश्चात नीतीश कुमार की महागठबंधन सरकार में एक बार फिर से खुशी की लहर जाग उठी है। सूबे में जातिगत जनगणना की शुरुवात हो चुकी है जिसको लेकर राज्य भर में जिलाधिकारी को पत्र भेजा जा चुका है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव द्वारा न्यायालय के फैसले का स्वागत करने के बाद कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर है। जाति जनगणना को लेकर हाईकोर्ट के फैसले के बाद जनता दल यूनाइटेड भागलपुर इकाई के द्वारा एक दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाई दी गई। जिसके बाद जिलाअध्यक्ष विपिन बिहारी सिंह के द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई इस दौरान उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना सरकार की एक सफल प्रयास है जिसके तहत तो गरीब पिछड़े शोषित वंचित लोगों के लिए एक सकारात्मक कदम सरकार के द्वारा उठाया जा सकेगा इतना ही नहीं जो आर्थिक रूप से बिछड़े होंगे उन्हें भी मुख्यधारा में लाने की कवायद की जाएगी उन्होंने कहा कि इससे आम जनता का काफी भला हो सकेगा और सरकार एक साइंटिफिक डाटा के तहत लोगों को योजनाओं का लाभ दे सकेगी हालांकि उन्होंने बीजेपी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि केंद्र सरकार को देशभर में जातिगत जनगणना करानी चाहिए लेकिन भाजपा उन लोगों के.
हित से कोई वास्ता नहीं, साथ ही कहा कि जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एक डेलिगेशन प्रधानमंत्री से मुलाकात करने के लिए गए थे लेकिन बावजूद इसके केंद्रीय स्तर से इसे मंजूरी नहीं मिली बीजेपी को 2024 लोकसभा चुनाव का डर था जिस कारण उन्होंने जातिगत जनगणना जैसे अहम मुद्दे को प्राथमिकता नहीं दी हालांकि बिहार सरकार अपने बूते इसे कराने जा रही है और न्यायालय ने भी इसे पूर्णता मंजूरी दे दी है इसका वे लोग स्वागत करते हैं। इस दौरान नाथनगर के पूर्व विधायक लक्ष्मीकांत मंडल, जिला उपाध्यक्ष इंद्रप्रकाश मंडल, प्रदेश उपाध्यक्ष महिला प्रकोष्ठ बिनु बिहारी सिंह जेडीयू प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी शिशुपाल भारती एवं कई गणमान्य उपस्थित रहे।