जदयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने तय समय पर ही बिहार विधानसभा का चुनाव कराने का समर्थन किया। उन्होंने विपक्षी दलों द्वारा चुनाव टालने की मांग को सिरे से खारिज करते हुए इसे उनकी डर और घबराहट से उपजा कुतर्क करार दिया। कहा कि जब अमेरिका में चुनाव हो सकता है तो बिहार में क्यों नहीं?
त्यागी ने कहा कि भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा साफ कर चुके हैं कि बिहार चुनाव समय पर ही होंगे, आयोग द्वारा जरूरी तैयारियां की जा रही हैं। 1961 के चुनाव कानून में संशोधन का प्रस्ताव 19 जून को ही आयोग ने केन्द्रीय कानून मंत्रालय को भेजा था, जो स्वीकृत भी हो गया है। 65 वर्ष से अधिक उम्र के तथा क्वारंटाइन में रह रहे लोगों को पोस्टल बैलेट की सुविधा दी जाएगी।
जदयू के प्रधान महासचिव ने कहा कि कोरोना समूचे विश्व की समस्या है, इसके बावजूद लोकतांत्रिक प्रक्रिया का चलन जारी है। अमेरिका से बुरा हाल बिहार का है क्या? अमेरिका के तीन राज्योँ ने चुनाव हो चुके। 3 नवम्बर को यहां प्रेसिडेंट का चुनाव होना है। अप्रैल में ही साउथ कोरिया में चुनाव हुए हैं। इसी शुक्रवार को सिंगापुर में चुनाव हुआ। अब मंगोलिया, श्रीलंका समेत कई देशों में चुनाव प्रक्रिया जारी है। कहा कि कोविद-19 के एसओपी के पालन के साथ चुनाव होने चाहिए।
तेजस्वी को राष्ट्र की नीति और राजनीति की समझ नहीं : भाजपा
बिहार भाजपा प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा है कि नेता विपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव बिहार की राजनीति में अति आलोचनात्मकता, नकारात्मकता, झूठ- छल- प्रपंच और प्रोपोगंडा के मास्टर हो गए हैं। भाजपा के लोगों की जमात से तुलना करना मानसिक दिवालियापन है। दुखद है कि तेजस्वी को राष्ट्र की नीति और राजनीति समझ में नहीं आती है। भाजपा के नेतागण अपनी नागरिक जिम्मेदारियों के तहत वॉलेन्टियर करके खुद कोरोना जाँच करवा रहे हैं।
चुनाव पर बयान देने वालों को क्या आयोग पर भरोसा नही : सुशील मोदी
उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अभी तीन महीने से ज्यादा का समय है। इसलिए इस मुद्दे पर सोचने से ज्यादा कोरोना संक्रमण से निपटने पर ध्यान दिया जाना चाहिए। जो लोग इस पर लगातार बयानबाजी कर रहे हैं, वे चुनाव आयोग के विवेक पर अविश्वास कर रहे हैं।
चुनाव की तारीख देख कर विपक्ष बदलता है अपना रंग : प्रेम
कृषि एवं पशुपालन मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने विपक्ष को चुनाव के कारण रंग बदलने का आरोप लगाया है। कहा कि हम चुनाव की तारीख देखकर अपना रंग नहीं बदलते बल्कि हमारा रंग बस एक ही है और वह है प्रगति का रंग। उनकी भूमिका याद दिलाते हुए कहा कि कुछ लोग इस मुश्किल के समय में भी अपनी घटिया राजनीति करने से बाज़ नहीं आ रहे। उनकी इन सब हरकतों से यह साफ़ दिखता है की उन्हें जनता की परवाह नहीं, बस कुर्सी का लोभ है। ऐसी घटिया राजनीति कर उन्होंने यह साबित कर दिया है की बिहार की उन्नति उनसे देखी नहीं जा रही और वह फिर से जंगलराज को वापस लाना चाह रहे हैं।