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नवगछिया के सम्राट अशोक भवन में शनिवार को सामाजिक न्याय आंदोलन (बिहार) सहित विभिन्न बहुजन संगठनों के संयुक्त बैनर तले ज्योतिबा फुले, डॉ. भीमराव आंबेडकर की जयंती और बीपी मंडल के स्मृति दिवस पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन हुआ।

समारोह में बिहार में सामाजिक न्याय की ऐतिहासिक नींव रखने वाले त्रिवेणी संघ के पूर्व प्रदेश सचिव और पुनामा निवासी गणपति मंडल को भी श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

मुख्य वक्ता डॉ. लक्ष्मण यादव (दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व असिस्टेंट प्रोफेसर एवं ‘प्रोफेसर की डायरी’ के लेखक) ने कहा कि आज वे लोग डॉ. आंबेडकर पर माला चढ़ा रहे हैं, जो उनके विचारों पर ताले लगा रहे हैं और संविधान को तोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर आज बाबा साहेब होते तो भाजपा-आरएसएस को सत्ता से बाहर करने के लिए बहुजन समाज को संगठित कर रहे होते।

सीवान के दरौली विधायक सत्यदेव राम ने कहा कि दलित, आदिवासी, पिछड़े और अतिपिछड़े समाज का नारा ‘जय श्रीराम’ नहीं, बल्कि ‘जय संविधान’ होना चाहिए।

राज्य संयोजक रिंकू यादव ने कहा कि भाजपा-आरएसएस की ताकतें बिहार में फिर से सामाजिक न्याय को कुचलने की कोशिश कर रही हैं और नीतीश कुमार को कठपुतली बनाकर सत्ता पर काबिज होने का प्रयास कर रही हैं।

कार्यक्रम का संचालन गौतम कुमार प्रीतम ने किया।

इस मौके पर सामाजिक न्याय आंदोलन (बिहार) के अध्यक्ष रामानंद पासवान, बहुजन इंटलेक्चुअल फोरम के संयोजक अभय, नसीब रविदास, इंकलाबी नौजवान सभा के सहसचिव गौरी शंकर राय, त्रिवेणी संघ के पूर्व प्रदेश सचिव गणपति मंडल के पौत्र मुरारी यादव, किसान नेता महेश यादव, अधिवक्ता नंदलाल यादव, गोपालपुर विधानसभा के पूर्व राजद प्रत्याशी शैलेश कुमार, नगर परिषद चेयरमैन प्रतिनिधि डब्ल्यू यादव समेत कई बुद्धिजीवियों और कार्यकर्ताओं ने विचार साझा किए।

सभा में बहुजन समाज को संगठित करने, संविधान और सामाजिक न्याय की रक्षा के लिए जन आंदोलन तेज करने की अपील की गई।

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