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पटना में गुरुवार को घरों और सड़कों से कूड़ा नहीं उठा। दैनिक सफाई कर्मियों ने हड़ताल शुरू कर दी है। इससे कूड़ा स्थल बजबजाने लगा है। सड़कों पर जहां-तहां कूड़ा पसरा रहा। वहीं, हड़ताल समर्थकों ने स्थायी कर्मचारियों को भी कूड़ा उठाने नहीं दिया। निगम के अंचल कार्यालयों के सामने प्रदर्शन किया। हड़ताल अभी जारी है। 

हड़ताल के पहले ही दिन शहर का बुरा हाल हो गया। लोगों के घरों का कूड़ा घर में ही रह गया। सुबह से ही निगम के सभी अंचलों में करीब आठ हजार सफाई कर्मियों ने अपनी मांगों को लेकर अनिश्चित कालीन हड़ताल शुरू कर दी। इससे सब्जी मंडियों, बस स्टैंड, ऑटो स्टैंड, व्यवसायिक प्रतिष्ठानों पर कचरा पसरा रहा।


हड़ताल के कारण गुरुवार को 984 मीट्रिक टन कूड़े का उठाव नहीं हुआ। हड़ताल पर गए सफाई कर्मियों ने एक दिन पहले ही रात में वाहनों के यार्ड में ताला लगा दिया था। जिसके बाद से एक भी वाहन सड़क पर नहीं उतरा। वहीं, अंचल कार्यालयों के सामने सफाई कर्मियों ने धरना प्रदर्शन भी किया। निगम के अधिकारी लाचार और पस्त दिखे। 

निगम प्रशासन ने नहीं की वैकल्पिक व्यवस्था
नगर निगम प्रशासन को 14 दिन पहले से ही सफाई कर्मियों ने अपनी मांगें पूरी नहीं होने पर हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी थी। बावजूद इसके निगम प्रशासन ने कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की और न ही कर्मियों की मांग मानने के लिए कोई पहल की। जिसका नतीजा हुआ कि कर्मी हड़ताल पर चले गए। वहीं, अधिकारियों से जब इस बाबत पूछा गया तो वे लाचारी व्यक्त करने के अलावा कुछ नहीं कह पाए। उनका कहना है कि मजदूर कहां से लाएं? इन्हीं सफाईकर्मियों  से कार्य कराना है। इनकी अधिकांश मांगें जायज हैं।  

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