ढोलबज्जा : सरकार एक ओर जहां गाय व बकरी पालन के लिए किसानों को बढ़ावा दे रही हैं, वहीं दुसरी ओर उनके पशु अस्पताल की स्थिति दयनीय होती जा रही है. ऐसे में यदि पशुओं को कोई बीमारी हो जाय तो पशुपालकों को इलाज कराना मुश्किल हो जाता है. लोग निजी चिकित्सकों के भरोसे मोटी रकम खर्च करने को मजबूर हो जा रहे हैं. मालूम हो कि नवगछिया प्रखंड के कोसी पार खैरपुर कदवा में एक ऐसा प्रथम वर्गीय पशु चिकित्सालय हैं. जहां पशुओं को विभिन्न बीमारियों से बचाने के लिए लगाए जाने वाले एक भी वैक्सीन करीब एक साल से विभाग के द्वारा उपलब्ध नहीं कराया गया है. कदवा का यह इलाका हर साल बाढ़ व बरसात से प्रभावित होता हैं.
कुछ दिनों में बरसात व बाढ़ आ जाएगा लेकिन यहां के पशु अस्पताल में अखरिया, बिछिया रोग के लिए एचएसबीक्यू वैक्सीन, बांझपन का वैक्सीन, सर्दी खांसी, बुखार व अन्य घातक लोगों के लिए पीपीआर वैक्सीन एवं भझहा रोग के लिए एफएमडी वैक्सीन उपलब्ध नहीं है. पत्रकार की टीम ने जब इसकी पड़ताल की तो वहां उपस्थित चिकित्सकों ने बताया कि- यह सब वैक्सीन अप्रैल से अगस्त महीने तक आ जाती हैं. जो प्रखंड कार्यालय से वितरण कर पशुओं में वैक्सीन लगाने का काम करवाया जाता है.
अस्पताल के प्रतिनियुक्त डॉ धीरज कुमार की मानें तो यह सभी वैक्सीन बीते एक साल से अधिक समय पहले आया था. अभी क्रिमी के फेनबेल्डाजॉल, चमोकन व भूख लगने वाले के साथ कुछ दवाई हीं उपलब्ध है. उक्त बातों को लेकर जिला पशुपालन पदाधिकारी से संपर्क किया गया लेकिन नहीं हो सका. नवगछिया प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी नीलकमल नीलू ने बताया कि बांझपन का वैक्सीन आ गया है. टैग नहीं आया है इसलिए रूका हुआ है. वहीं सबसे महत्वपूर्ण पीपीआर वैक्सीन सितंबर महीने में आने की बात कही गई है.