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कदवा से मनीष कुमार की रिपोर्ट

कबीर मठ आश्रम टोला कदवा के चल अचल संपत्ति को वहां के असामाजिक गतिविधियों द्वारा कब्जा कर लिए जाने एवं जानलेवा हमला होने की आशंका बताते हुए साधु समाज एवं धार्मिक स्थलों के सुरक्षा ट्रस्ट, बिहार प्रदेश का अध्यक्ष ज्ञान स्वरूप गोस्वामी ने गुरुवार को कदवा थाना में लिखित शिकायत की है. आवेदन में कहा है कि- मेरे द्वारा एक साल पूर्व छट्ठू दास व दीप नारायण दास को मठ की सेवादार के रूप में रखा गया था.

जिसके असामाजिक व्यवहारों के कारण तंग आकर मैंने उसे सामाजिक तौर पर संभालने को कहा तो बाद में वहीं के विवेकानंद यादव के साथ चल अचल संपत्ति के साथ साथ जानलेवा हमले का षड्यंत्र रच लिया है. विवेकानंद यादव मठ की एक बीघा से ऊपर जमीन जबरदस्ती जोत आबाद कर रहे हैं.

इसके भाई कृत्यानंद यादव व खैरपुर कदवा पंचायत के भूतपूर्व सरपंच जालो सिंह आश्रम टोला कबीर मठ के लाखों की संपत्ति का गबनकर्ता है. साथ ही ज्ञान स्वरूप गोस्वामी ने कहा है कि- यह सब मिलकर बचा हुआ संपत्ति को कभी भी हड़प कर मेरे ऊपर जानलेवा हमला कर सकते हैं.

ज्ञान स्वरूप ने थानाध्यक्ष से जान माल की सुरक्षा की गुहार लगाते हुए छट्ठू दास को आश्रम से हटाने, एक साल पूर्व सामाजिक निर्णय के बाद भी विवेकानंद यादव द्वारा गबन किए गए दो साल का फसल 40 क्विंटल मक्का व 16 क्विंटल धान दिलाते हुए जमीन खाली कराने तथा भूतपूर्व सरपंच जालो सिंह द्वारा गबन किए गए ₹124000 दिलाने अन्यथा कानूनी कार्रवाई की मांग की है. ग्रामीणों ने बताया कि- आश्रम टोला मठ की करीब सारे 3 बीघा जमीन है. जहां दो साल पहले आश्रम में रह रहे रामस्वरूप दास ने मठ की जमीन विवेकानंद यादव को लीज या शुद भरना के रूप में दिया था.

जिस पर विवेकानंद का कब्जा है. उसी जमीन को खाली कराने ज्ञान स्वरूप बोल रहे हैं. जमीन पर दखल कब्जा धारी का कहना है कि हम रामस्वरूप से जमीन लिए हैं. जब तक वह आकर नहीं बोलेंगे तब तक जमीन खाली नहीं करेंगे. रामस्वरूप दास से संपर्क भी नहीं हो पा रही है. अध्यक्ष रहते हुए ज्ञानस्वरूप ने दस साल में मठ का कोई विकास नहीं किया है. सिर्फ पैसा वसूली कर मनमानी करते हैं. जिसके पंचायत व नए कमेटी गठन को लेकर ज्ञानस्वरूप को यहां ग्रामीणों द्वारा बुलाया जा रहे हैं तो आना नहीं चाहते हैं.

वहीं मठ पर कुछ असामाजिक तत्वों के लोगों का जमावड़ा होकर धर्म स्थलों की मर्यादा को ताक पर रखते हुए गांजे-भांग पीते हैं. मठ के जमीन पर बगीचे के कुछ पेड़ कटाई की गई थी, जिसके पैसा का कोई हिसाब किताब नहीं है. इन्हीं सब बातों को लेकर सभी संत व बटाईदार में अनबन चल रही है. थानाध्यक्ष भूपेंद्र कुमार ने बताया कि- मामले की छानबीन की जा रही है.

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