भागलपुर/ निभाष मोदी
काली अंधेरी रात में सड़क दुर्घटनाओं में अभी तक सैकड़ों लोगों की हो चुकी है मौतें
भागलपुर, पूर्वी बिहार को सीमांचल से जोड़ने वाला लाइफलाइन विक्रमशिला सेतु अंधेरे में है। बढ़ती ठण्ड में सेतु पर कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। गौरतलब हो कि शाम ढलते ही जैसे ही अंधेरा शुरू होना होता है विक्रमशिला पुल मौत का अस्थल बन जाता है काली अंधेरी रात होते ही विक्रमशिला पुल पर शुरू हो जाता है खौफनाक मौत का तांडव काली अंधेरी रात में सड़क दुर्घटनाओं में अभी तक सैकड़ों लोगों की जानें जा चुकी हैं,
एनएच विभाग की लापरवाही से अभी तक सैकड़ों मौत
दरअसल एनएच विभाग इसकी देखभाल करना भूल गया है। सेतु पर लगे सौ से अधिक स्ट्रीट लाइट खराब हो चुके है। भागलपुर की ओर से नवगछिया जाने पर एक भी लाइट जलती नहीं दिखती है। रात में अब जिस तरह से ठण्ड बढ़ने के साथ कुहासा गिरने लगा है ऐसे में हादसे की आशंका और बढ़ गयी है। पूल से 25 से 30 हजार गाड़ियां रोज आवागमन कर रही है लेकिन इसका मेंटनेस नहीं हो पा रहा है। बीते 3 वर्षों से यहाँ यही हालात हैं। सड़क दुर्घटना में आए दिन लोगों की मौत हुआ करती है लेकिन प्रशासन को तनिक भी इसकी चिंता नहीं ,अपना ठीकरा दूसरे पर फेंकते नजर आते हैं ।
जिलाधिकारी ने कहा एनएच के स्तर से विभाग को लिखा जाएगा पत्र
जिलाधिकारी सुब्रत सेन ने कहा कि स्थानीय स्तर पर प्रयास कर कुछ लाइट को जलवाया था। पहले पूल निर्माण निगम की ओर से इसका रखरखाव होता था तो सहूलियत होती थी। एनएच के स्तर से विभाग को पत्राचार भेजा जा रहा है वहाँ से स्वीकृत होती है तो लाइट और साफ सफाई का काम करवाया जाएगा।
2001 में तत्कालीन मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने किया था विक्रमशिला पुल का विधिवत उद्घाटन
बता दें की पूल का उद्घाटन 2001 में तत्कालीन मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने किया था। पूल बनने के बाद 2018 में 14 करोड़ की लागत से इसकी मरम्मत की गयी थी लेकिन इसके बाद फिर इसका मेंटेनेंस का काम नहीं हुआ। पहले पूल निर्माण निगम को इसके मेंटनेस का जिम्मा था 2022 मे ये एनएच के जिम्मे आया लेकिन फिर भी मेंटनेस नहीं हो सका।