कालूचक कालिंदी नगर के श्री श्री 108 दुर्गा मंदिर आस्था एवं विश्वास का प्रतीक है। इस मंदिर मैं स्थानीय लोगों का विश्वास के साथ साथ आस्था के कारण आज यहां पर किसी भी तरह का रोग द्वेष नहीं होता है।
इस मंदिर का इतिहास
श्री श्री 108 कालिंदी नगर दुर्गा मंदिर का इतिहास स्थानीय लोग बताते हैं कि डेढ़ सौ पुराना है। यहां पर पहले एक कलश स्थापित कर पूजा किया जाता था। लेकिन जैसे-जैसे लोगों में आस्था विश्वास बढ़ता गया इस मंदिर का छत बनाते हुए मंदिर में स्थाई मूर्ति स्थापित की गई। यह मंदिर गोपालपुर प्रखंड के डुमरिया प्रखंड पंचायत अंतर्गत है। इस मंदिर के बारे में स्थानीय लोग बताते हैं कि मंदिर आस्था विश्वास के साथ गांव का जुड़ा हुआ है। यहां पर आसपास के कई पंचायत एवं प्रखंडों के लोग मेला देखने आते हैं।
मान्यता क्या है
श्री श्री 108 दुर्गा मंदिर की मान्यता है यह मनोकामना मंदिर हैं। भक्त को कोई भी परेशानी होती हैं। वह यदि सच्चे मन से इस मंदिर में आकर अपनी मन की बात कहते हैं तो उसकी मनोकामना अवश्य पूरी होती हैं। इस मंदिर में सदउपचार विधि से पूजा किया जाता है।
पंचायत के पंचायत समिति सदस्य क्या कहते हैं
पूजा आयोजन समिति के पंचायत समिति सदस्य धनंजय कुमार बताते हैं कि यहां पर चैत्र नवरात्रि में कलश स्थापन के दिन से पूजा शुरू होता है और यह पूजा नवमी एवं दशमी को जाकर मेला में बदल जाता है। मंदिर में पिछले कई वर्षों से भागवत कथा भी कही जाती है। इस मंदिर में कई तरह के आयोजन किए जाते हैं।
मंदिर पहुंचने का मार्ग
किस मंदिर पहुंचने के लिए गोपालपुर एवं रंगरा प्रखंड मुख्यालय से सड़क मार्ग से वहां जाया जा सकता है यह मंदिर गोपालपुर एवं रंगरा प्रखंड के सीमावर्ती क्षेत्र दियारा में अवस्थित है यह अनुमंडल मुख्यालय से लगभग 15 किलोमीटर दूर है।
क्या कहते हैं पुजारी
पंडित मृत्युंजय झा बताते हैं कि इस मंदिर की मान्यता बहुत दूर तक है किस मंदिर में हमारे पूर्वज पिछले कई पीढ़ी से पूजा कराते आए हैं। इसका इतिहास डेढ़ सौ साल पुराना है। इस मंदिर में सदउपचार विधि से पूजा किया जाता है। इस मंदिर में पूजा करने या भक्तों जो भी आए हैं आज तक उसकी मनोकामना पूरी होती है। यह श्रद्धा विश्वास का मंदिर माना जाता है.।