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भागलपुर में 25वें कारगिल विजय दिवस के अवसर पर भारतीय सेना के बहादुर और दिलेर जवानों के बलिदान को याद करते हुए एक विशाल मशाल जुलूस निकाला गया। यह दिन 1999 के कारगिल युद्ध में पाकिस्तान पर भारतीय सशस्त्र बलों की जीत का प्रतीक है, और इस दिन को हर साल कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है।

कारगिल विजय दिवस पूरे देश के लिए गर्व का दिन है, जब 1999 में भारतीय सेना ने पाकिस्तान को हराया था। यह युद्ध लगभग 60 दिनों तक चला था, और इस दौरान भारतीय सैनिकों ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए अपने प्राण न्यौछावर किए थे।

विशेष रूप से, कैप्टन निर्भय कुमार सिंह ने असाधारण वीरता दिखाते हुए दुश्मनों के छक्के छुड़ा दिए थे, लेकिन इस दौरान वह वीरगति को प्राप्त हो गए। उनके सम्मान में भागलपुर के सैनडिस्क कंपाउंड में भारतीय जनता युवा मोर्चा की ओर से विशाल मशाल जुलूस और तिरंगा यात्रा का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में सैकड़ों युवा शामिल हुए और “भारत माता की जय” और “वीर जवान अमर रहें” के नारों से पूरा वातावरण गूंज उठा।

भारत का सबसे यादगार युद्ध

कारगिल युद्ध भारत के लिए एक यादगार जीत थी। यह युद्ध दुनिया के सबसे कठिन ऊंचाई वाले युद्धों में से एक था, जिसमें 8 माउंटेन डिवीजन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। जनरल वीपी मलिक के नेतृत्व में भारतीय सेना ने पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़ बाहर किया था। यह जीत भारतीय सेना की वीरता और साहस का प्रतीक है। मेजर जनरल सचिन मलिक के 8 माउंटेन डिवीजन की कमान संभालने से इस डिवीजन का गौरव और बढ़ गया है, जिसमें पिता और पुत्र दोनों का गहरा नाता रहा है।

पाकिस्तान को घुटने टेकने पड़े

कारगिल युद्ध मई और जुलाई 1999 के बीच लड़ा गया था। पाकिस्तान से घुसपैठियों ने एलओसी के भारतीय हिस्से पर कब्जा कर लिया था। भारतीय सेना और वायु सेना ने बहादुरी से उनसे मुकाबला किया और कई सामरिक चौकियों पर फिर से कब्जा कर लिया। इससे घुसपैठियों को बाकी चौकियों से पीछे हटने पर मजबूर होना पड़ा।

इस आयोजन ने भागलपुर के युवाओं और नागरिकों को एकजुट किया और उन्हें उन वीर जवानों की याद दिलाई जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर किए।

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