पॉलीथिन शीट एवं बंबू रोल डालकर कटाव रोकने का प्रयास जारी
रणवीर कश्यप
नवगछिया में गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो जाने से इस्माइलपुर -बिंद टोली के बीच स्थित स्पर संख्या पाँच एन वन ताश के पत्ते की तरह धीरे-धीरे गंगा नदी में ध्वस्त हो रहा है। विभाग के द्वारा यहां पर पलट फाइटिंग के तहत बैंबू रोल के साथ पॉलिसी पॉलिसी सीट डालकर कटा रोकने का प्रयास कर रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार सपर पर कटाव 2 दिन से होने लगा था लेकिन विभाग के अभियंता एवं संवेदक के द्वारा ध्यान नहीं देने के कारण यह इस पर पूरी तरह ध्वस्त हो गया जबकि इस एस पर को मरम्मत करने में लगभग एक करोड़ से अधिक रुपया इस वर्ष विभाग के द्वारा खर्च किया गया है। लेकिन यहां पर संवेदक द्वारा कार्य में विलंब करने के कारण इस पर पूरी तरह से गंगा नदी में.
समा गया ऐसे स्थानीय लोगों का कहना है कि इस स्तर के ध्वस्त होने में स्थानीय अभियंता एवं संवेदक दोनों दोषी है जिसके कारण समय पर इसका निगरानी नहीं करने से यह पूरी तरह से गंगा नदी में समा गया है वही गंगा नदी गंगा नदी का दबाव स्थल के समीप काफी रहने से कटाव का दबाव बढ़ने की आशंका बढ़ गया है।इस कटाव से विभाग में हडकंप मचा हुआ है।
रविवार को वरीय भाजपा नेता नितेन्द्र सिंह उर्फ गुलाबी सिंह जब कटाव स्थल पर पहुंचे तो उस समय स्पर पर ना तो कोई विभागीय अभियंता मौजूद थे और ना ही कोई मजदूर स्पर को काले प्लास्टिक से ढक हुआ था और नीचे बाँस का बंडल नदी में लगा हुआ देखा गया था। बाद में पहुँचे विभागीय अभियंताओं ने बताया कि वरीय अभियंताओं के निर्देश पर ऐसा किया गया है। एसे फ्लड फायटिंग फोर्स के अध्यक्ष ध्वस्त हो रहे स्पर संख्या पाँच एन का निरीक्षण -फ्लड फायटिंग फोर्स के अध्यक्ष ई महेन्द्र प्रसाद ने.
अधीक्षक अभियंता के साथ स्पर संख्या पाँच एन वन का निरीक्षण कर एनसी में बालू भरी बोरियाँ डाल कर रीस्टोर करने का निर्देश दिया।
खबर का असर
रविवार को जागरण अखबार में -पुरानी फटी बोरियों छपने के कारण विभाग के अभियंताओं के द्वारा नई बोरियों में मशीन से सिलाई कर का कार्य कराया जा रहा है।
मालूम हो कि विभाग के वरीय पदाधिकारी के द्वारा अब कटाव स्थल पर नई बोरियों से ही पलट फाइटिंग कार्य के तहत रीस्टोरेशन में कार्य किया जाएगा।
जबकि विभाग के द्वारा बाढ़ कैलेंडर जारी होते ही 15 जून से पुरानी बोरी में
बालू भरकर सभी कटाव स्थलों पर उपलब्ध कराया गया था लेकिन अब यह सवाल यह है कि लाखों पुरानी फटी बोरियाँ जो कि विभिन्न स्परों व तटबंध पर भंडारण विभाग द्वारा करवाया गया है। उसका उपयोग अब कहाँ किया जायेगा। विभाग के अभियंता कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं है।