


भागलपुर में पुलिस द्वारा एनएसजी कमांडो को पीटने का मामला लगातार बढ़ता जा रहा है, लेकिन पुलिस के उच्च अधिकारियों ने अब तक थप्पड़ मारने वाले दारोगा के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। पुलिसकर्मियों द्वारा अपमानित हुए एनएसजी कमांडो अब जगह-जगह न्याय की गुहार लगा रहे हैं। आज, भागलपुर के व्यवहार न्यायालय में थप्पड़ मारने वाले दारोगा और पुलिसकर्मियों के खिलाफ याचिका दायर की गई है। अब कमांडो को न्यायालय से न्याय मिलने की उम्मीद है। वहीं, पीड़ित कमांडो ने आईजी विवेक कुमार को भी आवेदन देकर न्याय की मांग की है। पीड़ित ने बताया कि घटना के बाद से वह मानसिक रूप से बहुत परेशान है और ठीक से जी नहीं पा रहा है। उसने कहा, “हमने कोई गलती नहीं की थी, फिर भी हम पर अत्याचार किया गया और हाजत में बंद किया गया।” इस मामले पर कोई भी अधिकारी मीडिया के सामने कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं।

देश की सुरक्षा में तैनात कमांडो के साथ इस तरह की शर्मनाक हरकत करने के बावजूद प्रशासन ने दोषियों को बचाने की कोशिश की और निर्दोष को जेल भेजने की धमकी दी। पीड़ित पक्ष के वकील, राजीव सिंह ने कहा कि इस घटना ने भागलपुर का सिर शर्म से झुका दिया है। उन्होंने सवाल उठाया कि मामूली विवाद पर किसी को पकड़ कर हाजत में बंद करने का अधिकार किसे दिया गया है? पुलिसकर्मियों ने बेहद शर्मनाक हरकत की है। मामला मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष दर्ज किया गया है और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस की बर्बरता के पूरे प्रमाण मौजूद हैं, और न्यायालय पीड़ित को न्याय प्रदान करेगी।

ज्ञात हो कि बीते मंगलवार को जोगसर थाना क्षेत्र स्थित जिला स्कूल के पास पार्किंग को लेकर मामूली विवाद हुआ था, जिसके बाद थाना के दारोगा और पुलिसकर्मियों ने एनएसजी कमांडो शुभम को थप्पड़ और मुक्के से मारा। इतना ही नहीं, उसे हाजत में बंद कर दिया गया और आठ घंटे तक बर्बरता की गई।
