


नवगछिया: – लोक आस्था के महापर्व छठ के अवसर बिहार के साथ सभी राज्यों देशों दुनिया में सोमवार को भगवान भास्कर का दर्शन के लिए कसहौरा मदरौनी छठ घाटों पर काफी भीड़ रहा सूर्य देवता के अवतरित होते घाटों के आसपास चहलपहल लोक गीतों, भजनों कि आवजें तेज हो गयी महापर्व के पावन अवसर पर श्री सद्गुरु साईंनाथ सेवा समिति के अध्यक्ष शुभम कुमार ने भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित किया घाट पर जुड़े श्रद्धालुओं छठ व्रतियों ने खड़े होकर भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित के साथ लोकआस्था का महापर्व छठ समापन हुआ
मौके पर श्री सद्गुरु साईंनाथ सेवा समिति के अध्यक्ष शुभम कुमार ने कहा की.

सूर्य स्वयं प्रकृति एक अंग है वहीं इस धरती अवस्थित प्राकृतिक संपदाओं के पोषक पिता भी हैं सूर्य की उपासना भी वह बिंदु है जहां से छठ पर्व का प्रकृति से जुड़ाव स्थापित हो जाता है यह पर्व हमें प्राकृतिक संरक्षण की प्रेरणा देता है|
मान्यता है कि:- महाभारत काल में बिहार राज्य का भागलपुर अंग देश के नाम से जाना जाता था इसके राजा सूर्य पुत्र कर्ण महापर्व छठ क्या करते थे अंतिम दिन सूर्य को वरुण वेला मे अर्घ्य दिया जाता है यह सूर्य की पत्नी उषा को सर्वमनोकामना पूर्ण के लिए अर्पित है||
