कहलगांव (भागलपुर) ।
केंद्रीय विद्यालय एनटीपीसी कहलगांव में 4 दिसंबर से चल रहे भारतीय भाषा उत्सव का 11 दिसंबर बुधवार को धूमधाम से समापन किया गया। भारतीय भाषा उत्सव, भाषा विविधता और एकता को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाने वाला एक कार्यक्रम है। यह कार्यक्रम, महाकवि सुब्रह्मण्यम भारती की जयंती के दिन 11 दिसंबर को संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम के ज़रिए विविध भारतीय भाषाओं को सीखने को बढ़ावा दिया जाता है और भाषाई विविधता में भारत की एकता का अनुभव कराया जाता है।
इस वर्ष के भारतीय भाषा उत्सव का थीम,भाषाओं के माध्यम से एकता रही,जो यह दर्शाती है कि भारत की विविध भाषाई परंपराएँ राष्ट्रीय एकता को कैसे प्रोत्साहित करती है। एक सामंजस्यपूर्ण समाज का निर्माण करती हैं। सुब्रह्मण्यम भारती एक तमिल कवि थे। उनको ‘महाकवि भारतियार’ के नाम से भी जाना जाता है। उनकी कविताओं में राष्ट्रभक्ति कूट-कूट कर भरी हुई है। वह एक कवि होने के साथ-साथ भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में शामिल सेनानी, समाज सुधारक, पत्रकार तथा उत्तर भारत व दक्षिण भारत के मध्य एकता-सेतु के समान थे।
स्कूल की प्राचार्य जया मिश्रा पांडे ने बताया कि कार्यक्रम के अंतर्गत विद्यालय में विभिन्न भारतीय भाषाओं में कविता, कहानी, नृत्य, गीत व भाषण के कार्यक्रम हुए। बच्चों ने इस अवसर पर भारत की अनेकता में एकता को प्रदर्शित करने के लिए देश भर के विभिन्न राज्यों में बनाए-खाए जाने वाले खाद्य व्यंजनों के स्टॉल लगाए गए थे। विद्यालय द्वारा गठित निर्णायक मंडल ने सभी विद्यार्थियों के स्टॉलों का सूक्ष्म निरीक्षण कर इसे एक प्रतियोगिता का स्वरूप दिया। विभिन्न राज्यों में प्रचलित नृत्यों का विद्यार्थियों द्वारा अत्यंत दर्शनीय प्रदर्शन किया गया। विभिन्न भारतीय भाषाओं में गीतों का गायन हुआ। विभिन्न भारतीय भाषाओं में काव्यपाठ हुआ। प्राचार्या जया मिश्रा पांडे द्वारा इस दिन की महत्ता, महाकवि के जीवन वृत्त और रचनाकर्म पर विचार प्रस्तुत किया गया। विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि भाषा विवाद नहीं संवाद का माध्यम होनी चाहिए।हमें हर भाषा का सम्मान करना चाहिए तथा अपनी मातृ और प्रांत भाषा के अतिरिक्त अन्य भाषाओं की समझ भी विकसित करनी चाहिए।