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नवगछिया के खगड़ा भगवती मंदिर प्रांगण में आयोजित एक आध्यात्मिक कार्यक्रम एक से बढ़कर एक विद्वान पहुंचे. श्री उत्तरतोताद्रिमठ विभीषणपुर अयोध्या के उत्तराधिकारी श्री रामचंद्राचार्य परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में भजन सम्राट डॉक्टर हिमांशु मोहन मिश्रा दीपक, गीतकार राजकुमार, स्वामी मनवानंद, पंडित चंद्रकांत झा, डॉ पीसी पांडेय, प्रेम शंकर भारती, शिव प्रेमानंद, कुंदन बाबा आदि ने संबोधित किया। स्वामी आगमानंद ने कहा कि भगवान राम ने अपने सब रिश्तों को आदर्श के रूप में स्थापित किया। उनके व्यक्तित्व और चरित्र से हम आदर्श जीवन जीने के सूत्र को समझ सकते हैं। 22 जनवरी को अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा होगी। यह दिन किसी राष्ट्रीय त्योहार से काम नहीं है। भगवान राम राष्ट्र के नायक हैं।

उन्होंने कहा कि 22 जनवरी को आप घरों एवं मंदिरों को दीप जलाकर सजा दें। रामचरितमानस, हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करें. भगवान राम पर चर्चा करें. रामधुन आयोजित करें, सीताराम सीताराम का जाप करें। भजन जागरण आदि करते रहें। उसे दिन ऐसा लगे कि भगवान राम आज ही अयोध्या में प्रकट हुए हैं- सब मिलकर गाएं, भए प्रगट कृपाला दीनदयाला‌ कौशल्या हितकारी। उन्होंने कहा कि रामचरितमानस को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित किया जाए।
गीतकार राजकुमार ने अपनी स्वरचित कविता सुनकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। हुए अवध में अवतरित, क्यों रघुवर प्रभु राम। पूरी धरती हो गई, स्वत: अयोध्याधाम।। मैं जिनकी चेतना, शिवमय जिनके छंद, राज राममय है वही, सिद्ध आगमानंद।। गीतकार राजकुमार की इस अद्भुत कविता की वहां जमकर प्रशंसा हुई। भजन सम्राट डॉक्टर हिमांशु मोहन मिश्रा दीपक ने रामचरितमानस और विनयपत्रिका की चौपाई और छंदों को सुनाकर सबको राममय कर दिया। डॉ पीसी मिश्रा ने कहा कि राम के चरित्र को आत्मसात कर ही हम रामोत्सव बनाने योग्य हो सकते हैं।
इस अवसर पर सुमन शास्त्री, शशि सिंह, मुन्ना सिंह, दीपक यादुका, उत्तम, नंदन, मुन्ना, सौरभ सोनू, आलोक, सत्यम, अरुण सिंह, नयन सिंह आदि मौजूद थे।

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