भागलपुर: 41 दिन पहले ही बरारी में शुरू हुए विद्युत शवदाह गृह 72 घंटे से खराब है। 2.35 करोड़ की लागत से शवदाह गृह को चालू किया गया था। इसके चालू होने से खासकर गरीब और कोरोना से मरने वाले लोगों का दाह-संस्कार होता था। अब उन्हें दाह संस्कार के लिए लकड़ी का इस्तेमाल करना पड़ रहा है। तीन दिनों में करीब 20 शव विद्युत शवदाहगृह से लौट गए। करोड़ों की लागत से स्थापित शवदाह गृह के खराब होने पर मशीन की गुणवत्ता पर भी सवाल उठने लगे हैं। संबंधित एजेंसी भी कटघरे में है। मेयर सीमा साहा ने जांच के आदेश दिया है।
मेयर ने कहा कि शवदाह गृह में लगी मशीनों की क्वालिटी बेहतर नहीं। इसकी खरीदगी रसीद और डीपीआर की मांग की गई थी, लेकिन अब तक उपलब्ध नहीं कराया गया है।
दरअसल, 17 जुलाई को विद्युत शवदाह गृह का चालू किया गया था। इसके चालू होने से गरीब और मध्यम वर्गीय लोगों को भी सहूलियत हो रही थी। हर दिन यहां छह से सात शव हर दिन जलते थे। शवदाहगृह में तैनात कर्मचारी राहुल कुमार ने बताया कि मशीन के अंदर का मुख्य मशीन में गड़बड़ी आई गई है। इसे ठीक करने में पांच से छह दिन लगेंगे। गड़बड़ी दूर करने के लिए तकनीशियन पहुंच गए हैं।
अभी नहीं लिए जा रहे थे शुल्क, अब खर्च हो रहे आठ से 10 हजार
अभी शव के दाह-संस्कार के एवज में किसी तरह का शुल्क नहीं लिया जा रहा था। इस कारण लोगों को आर्थिक नुकसान नहीं उठाना पड़ रहा था। अब तीन दिनों में शव का अंतिम संस्कार लोग लकड़ी से कर रहे हैं। ऐसे में एक शव पर आठ से दस हजार तक खर्च आ रहे हैं।
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195 आम लोग और 45 कोरोना से मरने वालों का हुआ दाह-संस्कार
अब तक विद्युत शवदाह गृह में कुल 240 लोगों का दाह संस्कार किया गया है। इसमें 195 आम और 45 कोरोना मरीज है। जेएलएनएमसीएच से मरने वाले मरीजों का दाह-संस्कार यहीं होता था। अब बंद हो जाने के बाद कोरोना मरीजों के शव का दाह-संस्कार भी लकड़ी से हो रहा है।
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कोरोना से मरे मुंगेर मरीज को लौटाया
बुधवार की रात जेएलएनएमसीएच में कोरोना से मरे मुंगेर के एक कोरोना मरीज का शव विद्युत शवदाह गृह पहुंचा। लेकिन, बंद होने के कारण शव को लौटा दिया गया। बाद में स्वजन लकड़ी पर शव को दाह-संस्कार कराया।
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कोट
-कोरोना से मरने वाले मरीज के स्वजन खुद अपने साथ शव को ले जा रहे हैं। लकड़ी से शव का दाह-संस्कार हो रहा है।
-एसके भगत, अधीक्षक, जेएलएनएमसीएच।
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कोट
-बुडको के कार्यपालक अभियंता से इस संदर्भ में जवाब तलब किया गया है। नगर विकास मंत्री को भी इसकी जानकारी दी गई। विभागीय स्तर से जांच कराने की मांग की है।
-सीमा साहा, मेयर, नगर निगम।