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नवगछिया। खरीक बाजार में ज्वेलरी दुकान में हुई चोरी के मामले में पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल करते हुए उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले के नौ आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों के पास से 880 ग्राम चांदी, 98 हजार रुपये नकद, चार अवैध हथियार, 16 कारतूस, शटर काटने के उपकरण और घटना के समय इस्तेमाल किए गए कपड़े बरामद किए गए हैं।

पुलिस अधीक्षक पूरण कुमार झा ने बताया कि 24 नवंबर की रात खरीक बाजार स्थित सचिन पोद्दार की सोने-चांदी की दुकान का शटर काटकर चोरी की घटना को अंजाम दिया गया था। 25 नवंबर को सचिन पोद्दार के बयान पर प्राथमिकी दर्ज की गई। घटना की गंभीरता को देखते हुए एसपी ने तीन विशेष टीमों का गठन किया।

गिरफ्तारी और आरोपियों की पहचान

गिरफ्तार आरोपियों में बदायूं जिला के घनुपुरा गांव के हाकिम सिंह, राम नरेश, मुकेश, विजय प्रताप, राजपाल, आनंद, और धारा सिंह शामिल हैं। इसके अलावा बदायूं जिले के कादर चौक थाना क्षेत्र के भोजपुर गांव के सुनील कुमार और राजेश को भी गिरफ्तार किया गया।

पुलिस की कार्रवाई

  • पहली टीम: मानवीय आसूचना और डॉग स्क्वायड की जिम्मेदारी खरीक थानाध्यक्ष नरेश कुमार को दी गई।
  • दूसरी टीम: सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण झंडापुर थानाध्यक्ष विश्वबंधु कुमार ने किया।
  • तीसरी टीम: तकनीकी अनुसंधान का कार्य डीआईयू प्रभारी पुअनि अमित कुमार के नेतृत्व में किया गया।

घटना की योजना और खुलासा

गिरफ्तार आरोपियों ने स्वीकार किया कि उन्होंने 15 दिनों तक खरीक बाजार की रेकी की और योजना बनाकर चोरी को अंजाम दिया। आरोपियों ने बताया कि उनके कुछ साथी कंबल बेचने के बहाने बाजार में घूमते रहे और दुकान की स्थिति का निरीक्षण किया। चोरी के बाद चोरी किया गया सामान खगड़िया में किराये के मकान में रखा गया।

सभी आरोपियों की गिरफ्तारी का विवरण

पुलिस को सूचना मिली थी कि यह गैंग नवगछिया क्षेत्र में किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के उद्देश्य से सक्रिय है। इसके बाद एनएच-31 को सील कर चकमैदा मोड़ के पास बगीचे से सात आरोपियों को चार हथियार, 16 कारतूस और अन्य सामान के साथ गिरफ्तार किया गया। उनकी निशानदेही पर खगड़िया स्थित किराये के मकान से अन्य दो आरोपियों को भी पकड़ा गया।

इससे पहले की घटनाएं

आरोपियों ने 22 नवंबर को खगड़िया जिले के जलकौड़ा बाजार स्थित एक सोने की दुकान में चोरी की बात भी स्वीकार की है।

गैंग का काम करने का तरीका

पुलिस ने बताया कि यह गैंग सर्दियों के मौसम में विशेष रूप से सक्रिय होता है। यह लोग विभिन्न राज्यों में दूरदराज के स्थानों पर किराये के मकान में परिवार के रूप में रहते हैं और रेकी कर सोना-चांदी की दुकानों को निशाना बनाते हैं। घटना के दौरान वे मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करते ताकि उनकी लोकेशन ट्रेस न हो सके।

पुलिस अधिकारियों को मिलेगा पुरस्कार

एसपी ने बताया कि इस सफलता के लिए शामिल पुलिस टीम को पुरस्कृत किया जाएगा। शेष बरामदगी के लिए टीम को अन्य राज्यों में भेजा गया है। घटना के खुलासे के बाद स्थानीय व्यापारियों और जनता ने पुलिस की सराहना की है।

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