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  • पथराव में 12 से अधिक पुलिसकर्मी घायल 
  • छ: से अधिक सरकारी वाहनों को किया क्षतिग्रस्त 

खरीक – खरीक एनएच 31 चौक पर अग्निपथ स्कीम का विरोध कर रहे छात्रों द्वावरा पुलिस पर पथराव करने और जवाब में पुलिस द्वारा आसमानी फायरिंग करने की सूचना है. गोलीबारी में किसी के घायल होने की सूचना नहीं है जबकि छात्रों द्वारा किये गये पथराव में वरीय पदाधिकारियों के साथ कुल 12 पुलिस कर्मियों के घायल हो जाने की सूचना है और छ: से अधिक सरकारी वाहनों के क्षतिग्रस्त हो गये.  फायरिंग के बाद स्थिति नियंत्रित हो गयी थी जबकि सूचना पर पहुंचे नवगछिया एसपी सुशांत कुमार सरोज ने पुलिस द्वारा की गयी फायरिंग की पुष्टि की है. मामले में पुलिस ने तीन से चार लड़कों को हिरासत में ले लिया है.

छात्रों के जाने के बाद भी देर शाम तक नवगछिया एसपी सुशांत कुमार सरोज समेत पुलिस के वरीय पदाधिकारी स्थल पर कैम्प कर रहे थे. घायलों में नवगछिया के एसडीपीओ दिलीप कुमार, परवत्ता थानाध्यक्ष रामचंद्र यादव, पुलिसकर्मी शंभु कुमार, जयराम कुमार, प्रमोद कुमार, शशिधर, एसडीपीओ के गार्ड समेत करीब 12 पुलिसकर्मी शामिल हैं. जबकि एसडीओ के भी चोटिल हो जाने की बात कही जा रही है. घटना में एसडीपीओ दिलीप कुमार का मोबाइल और घड़ी गायब हो जाने की बात कही जा रही है. खरीक थाने में मामले की प्राथमिकी दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. 

इस तरह हो गयी स्थिति अनियंत्रित 

शुक्रवार को सुबह नौ बजते ही खरीक रेलवे स्टेशन पर सरकार की अग्निपथ स्कीम का विरोध करने के लिए छात्रों की जुटानी शुरू हो गयी थी. दस बजे तक बड़ी संख्या में छात्र मौके पर जुट गये थे. छात्र तिरंगा लेकर पहुंचे थे और करीब एक दर्जन ऐसे छात्र थे जिनके हाथों में लाठियां थी. देखते ही देखते छात्रों ने रेलवे ट्रेक को पूरी तरह से बाधित कर दिया और पटरी को उखाड़ने का प्रयास करने लगे. खरीक स्टेशन के पास ही करीब सौ मीटर तक छात्रों ने रेलवे पटरी का हुक भी खोल दिया था. इसी क्रम में मौके पर पहुंचे नवगछिया के एसडीओ यतेंद्र कुमार पाल, एसडीपीओ दिलीप कुमार और आस पास के विभिन्न थानों की पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे छात्रों को समझाने बुझाने का प्रयास किया. पदाधिकारियों के स्तर से लड़कों को ध्वनि विस्तारक यंत्र की साहायता से शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने और मेमोरेंडम देने की अपील की जा रही थी. लेकिन छात्रों का कहना था कि उनलोगों को लिखित चाहिये की सरकार अग्निपथ योजना को वापस ले रही है.

इस दौरान प्रदर्शन कर रहे करीब तीस सौ से अधिक छात्रों को पुलिस ने चारो तरफ से घेर लिया था. ऐसी स्थिति में यहां पर छात्र कुछ भी उपद्रव कर पाने में सक्षम नहीं थे. पदाधिकारियों और छात्रों के बीच चल रही वार्ता के दौरान कई बार छात्रों ने पदाधिकारियों के साथ अभद्र व्यवहार भी किया. पुलिसकर्मियों और पदाधिकारियों के साथ धक्का मुक्की भी की. रेलवे स्टेशन पर चारो तरफ से घिर जाने के बाद छात्र यहां पर कुछ भी कर पाने में सक्षम नहीं थे. छात्र रेलवे ट्रेक के रास्ते से ही पश्चिम केबिन की तरफ बढ़ गये. जबकि पुलिस और पदाधिकारी सड़क मार्ग से पश्चिम केबिन की तरफ बढ़े. छात्र पुलिस से पहले ही पश्चिम केबिन होते हुए एनएच 31 चौक के पास पहुंच गये. इस दौरान छात्रों ने प्रर्याप्त मात्रा में पत्थर और पटरी से खोला गया लोहे का हुक अपने पास रखे हुए थे.

खरीक एनएच 31 चौक के पास पहुंचते ही छात्रों ने सड़क के दोनों तरफ टायर जला कर सड़क को जाम कर नारेबाजी करने लगे. यहां पर पुलिस ने लड़कों को पद्रर्शन समाप्त करने को कहा तो सभी लड़के आक्रोशित हो गये और पुलिसकर्मियों और पदाधिकारियों के साथ अभद्र व्यवहार और धक्का मुक्की करना शुरू कर दिया. जिसके बाद पुलिस ने लड़को को खदेड़ने के लिए लाठी चलाना शुरू किया. जबकि दूसरी तरफ लड़कों ने पथराव शुरू कर दिया. जवाब में पुलिसकर्मियों ने भी पथराव किया. लड़के पटरी के पास से एकत्रित किये गये पत्थर और पटरी से खोले गये लोहे का हुक चला रहे थे. जिससे स्थिति अनियंत्रित हो गयी. कई वरीय पदाधिकारियों को चोटें आयी और कई पुलिसकर्मी घायल हो गये. जिससे पुलिसबलों में भगदड़ मच गयी. पुलिसकर्मी इधर उधर भागने लगे. यह देख फायरिंग का आदेश दिया गया. स्थानीय लोगों ने कहा कि उनलोगों ने छ: चक्र गोलियों की आवाज सुनी है. जिसके बाद छात्रों की भीड़ तितर बितर हो गयी और छात्र मौके से भाग गये. इसके बाद नवगछिया के एसडीओ की सूचना पर मौके पर ही खरीक पीएचसी से पहुंची टीम द्वारा घायल पुलिसकर्मियों का इलाज किया गया. जबकि मौके पर पहुंचे एसपी सुशांत कुमार सरोज के निर्देश पर तीन लड़कों को हिरासत में लेने का निर्देश दिया गया. 

एसपी ने कहा 

नवगछिया के एसपी सुशांत कुमार सरोज ने कहा कि स्थिति ही ऐसी हो गयी थी कि पुलिस के पास फायरिंग के अलावा कुछ दूसरा विकल्प नहीं था. एसडीएम और एसडीपीओ यहां मौजूद थे. लड़के आक्रोशित हो गये. जिसे नियंत्रित करने के लिए फायरिंग जरूरी थी. एसपी ने कहा कि उपद्रव में जो भी शामिल है, उन्हें छोड़ा नहीं जायेगा और सरकारी संपत्ति क्षति करने के एवज में उपद्रवियों से ही वसूली की जायेगी. 

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