- नवगछिया एसडीओ ने अंचलाधिकारी को दिया कार्रवाई करने का निर्देश
- कुल 92 लोगों को किया गया है चिन्हित
- अतिक्रमण करने वाले लोगों में बुद्धिजीवी और संभ्रांत लोग भी है शामिल
नवगछिया – नवगछिया अनुमंडल का सबसे बड़ा जल का श्रोत खरनय नदी से अतिक्रमण हटाने का आदेश जारी कर दिया गया है. नवगछिया के अनुमंडल पदाधिकारी ई अखिलेश कुमार ने नवगछिया के अंचलाधिकारी को अतिक्रमण करने वाले लोगों के विरूद्ध लोक भूमि अतिक्रमण अधिनियम के तहत नियमानुसार कार्रवाई प्रारंभ करने का निर्देश दिया है.
मालूम हो कि इससे पूर्व नवगछिया के अंचलाधिकारी के नेतृत्व में खरनय नदी की जमीन की नापी करायी गयी थी. नापी के आधार पर पता चला की हजारों वर्गफीट जमीन का अतिक्रमण कर लिया गया है. अब तक की नापी में यह भी स्पष्ट हो गया है कि कुल 92 लोगों द्वारा नदी की जमीन का अवैध कब्जा कर लिया गया है.
सीओ के रिपोर्ट से स्पष्ट है कि अतिक्रमण करने वाले लोगों में कुछ बुद्धिजीवी वर्ग और समाज के संभ्रांत लोग भी शामिल है. अंचलाधिकारी ने खिरनय के विस्तृत क्षेत्र को देखते हुए चार भाग में बंटा और नापी की. प्रत्येक भाग में अतिक्रमण करने वाले लोगों का नाम और उनके द्वारा अतिक्रमत रकवा का भी जिक्र किया गया है.
खरनय को लेकर है विस्तृत प्लान
नवगछिया के अनुमंडल पदाधिकारी ई अखिलेश कुमार ने कहा कि खरनय नदी को लेकर एक विस्तृत प्लान है. सबसे पहले जल संरक्षण की दिशा में इस नदी को संरक्षित करना बेहद जरूरी है तो दूसरी तरफ खरनय नदी और उसके आस पास के तटीय क्षेत्रों को एक पार्क के रूप में डेवलप किया जा सकता है. अगर ऐसा होता है तो यह नवगछिया के लिये एक बड़ी उपलब्धि होगी.
अतिक्रमित जमीन पर पक्का मकान, अर्धनिर्मित मकान, शैचालय, खेत और पानी भी
नवगछिया अनुमंडल की एक बड़ी आबादी चाह रही है कि खरनय का जीर्णोद्धार हो और इसे पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाय. लेकिन अंचलाधिकारी के रिपोर्ट से स्पष्ट है कि वर्तमान में लगभग 50 फीसदी अतिक्रमित जमीन पर पक्का मकान है. दूसरी तरफ कुछ अतिक्रमित जमीन पर शौचालय, अर्धनिमित मकान होने की बात सामने आयी है.
कुछ ऐसी जमीन भी है जिसका खेत के रूप में इस्तेमाल हो रहा है तो कुछ पानी वाली जमीन भी अतिक्रमित है. दूसरी तरफ लोगों का कहना है कि अगर नदी अतिक्रम मुक्त हो जाता है तो खिरनय तट की रैयती जमीन व्यवसायिक दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण हो जाएगी.