भागलपुर: गंगा नदी में लगातार जल स्तर बढ़ने के बावजूद सुल्तानगंज से अगुवानी पुल घाट पर ओवरलोडेड नावों का परिचालन थमने का नाम नहीं ले रहा है। हर रोज हजारों यात्री अपनी जान जोखिम में डालकर यात्रा करते हैं। इससे पहले अगुवानी पुल से खगड़िया जाने के दौरान नाव हादसा हुआ था, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई थी। इसके बावजूद भी नाव पर ओवरलोडेड कर परिचालन किया जा रहा है।
जिस रास्ते से नाव गुजरती है, वहां पुल हादसे के कारण गाद जमा है और उसे अब तक नहीं हटाया गया है। इसी रास्ते से नाव का परिचालन हो रहा है, जिससे नाव का आधा हिस्सा पानी में डूब जाता है। गाद के कारण पानी की गहराई की सही से जांच नहीं हो पाती है और यह सब स्थानीय पुलिस की नाक के नीचे हो रहा है।
ओवरलोड नाव के परिचालन के दौरान कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। सैकड़ों की संख्या में लोग एक बार में नाव पर सवार होते हैं, इसके अलावा बाइक और अन्य सामान भी नाव पर लोड किया जाता है, जिससे हादसे की आशंका बनी रहती है। हादसे के बाद लोगों को सबक लेने की जरूरत थी, लेकिन नाव परिचालन करने वाले लोग हादसे के दिन को भूल गए हैं और अब शायद नए हादसे का इंतजार कर रहे हैं।
मामले को लेकर सुल्तानगंज थानेदार प्रिरंजन कुमार ने टाल-मटोल करते हुए जवाब दिया। जब उनसे पूछा गया कि पहले भी नाव हादसे का शिकार हो चुकी है, उसके बावजूद ओवरलोडेड नाव का परिचालन क्यों हो रहा है, तो उन्होंने जवाब दिया कि हम लोग निगरानी कर रहे हैं, लेकिन तस्वीरें साफ दिखाती हैं कि कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
नाव पर सवार यात्री आशीष ने बताया कि यात्रा के दौरान डर लगता है, लेकिन साधन नहीं होने के कारण मजबूरी में जाना पड़ता है। नाव पर बैठने की जगह नहीं है और ऊपर से प्रचंड गर्मी होने के कारण परेशानी होती है। हजारों लोग रोजाना यात्रा करते हैं, जो ओवरलोड होने के कारण हमेशा डर में रहते हैं, लेकिन मजबूरी के कारण यात्रा करनी पड़ती है। यात्रियों की मांग है कि जिला प्रशासन और सरकार जल्द से जल्द पुल का निर्माण करवाएं ताकि यात्रा में सुविधा हो।
नाव पर 30 यात्रियों की क्षमता होती है, जिसमें कुछ सामान भी शामिल है, लेकिन नाव संचालक सैकड़ों लोगों को बैठाते हैं और अतिरिक्त सामान भी लोड करते हैं। प्रत्येक व्यक्ति से 30 से 50 रुपए किराया लिया जाता है, जबकि दो पहिया वाहन का 50 से 100 रुपए तक किराया लिया जाता है। हर दिन नाव संचालक 50 हजार रुपए तक की आमदनी करते हैं, बावजूद इसके सुरक्षा का ख्याल नहीं रखा जा रहा है।
सुल्तानगंज थानेदार प्रिरंजन कुमार ने बताया कि हम लोग निगरानी रख रहे हैं।