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ढोलबज्जा: खैरपुर कदवा दुर्गा मंदिर में 151 वर्षों से माता की कलश व प्रतिमा स्थापित कर पूजा की जा रही है. ग्रामीणों के अनुसार डेढ़ सौ वर्ष पहले खैरपुर कदवा की कोसी धार में बहते हुए मां दुर्गा की प्रतिमा शर्मा टोला के समीप आ गई थी. उस जगह पर अगले वर्ष से सिंघेश्वर दास ने ग्रामीणों की मदद से प्रतिमा व कलश स्थापित कर पूजा शुरू किया था. 50 वर्ष बाद जब शर्मा टोला में मेला लगाने के लिए जगह का अभाव होने लगा तो वहां के ग्रामीणों ने खैरपुर बाजार से पूरब मिठन सिंह की जमीन पर मंदिर का निर्माण कराया.

जहां मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित कर पूजा व भव्य मेले का आयोजन की जाने लगी. आज भी पुराने जगह शर्मा टोला में एक छोटी-सी मंदिर है, जहां कलश स्थापित कर माता की पूजा की जाती है. अभी भी पहले पुराने मंदिर का कलश विसर्जन के लिए उठाने के बाद ही नए मंदिर का प्रतिमा विसर्जन के लिए उठाई जाती है. यहां पहले बलि प्रथा थी. जिससे करीब 36 वर्ष पहले बंद कर दिया गया है.

कल यानी बुधवार को मंदिर के पट खुलने के बाद भव्य मेले का आयोजन किया जाएगा. वहीं नवरात के दिन से ही माता की कलश स्थापित कर सुबह करीब 9:00 बजे से पुजारी नीलांबर झा व शंभू झा के द्वारा वेदोच्चारण के साथ पूजा की जा रही है. और सांध्या आरती में यहां के पांच पंचायतों लोग के श्रद्धालुओं भक्त शामिल होते हैं. कोरोना काल से पहले हर हाल नाट्य कला की प्रस्तुति भी की जाती थी लेकिन इस बार मेले के दिन सिर्फ माता की संकीर्तन व जागरण का आयोजन किया जा रहा है.

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