तीन दिन से नवगछिया पुलिस के लिए बना था सरदर्द
नवगछिया। नवगछिया के तथाकथित डॉक्टर व खुद की झूठी अपहरण की नाटक रचने वाले रचनाकार दिनेश कुमार गुप्ता के झूठी अपहरण का भंडाफोड़ हो गया है। इस बाबत रविवार को नवगछिया एसडीपीओ ओम प्रकाश ने प्रेस वार्ता कर पत्रकारों को बताया कि बीते दिनों विजय कुमार गुप्ता पे बाबूलाल प्रसाद सा नयाटोला थाना नवगछिया के लिखित आवेदन के आधार पर उनके भाई का अपहरण ससुराल पक्ष द्वारा कर लिए जाने के आरोप में रंगरा थाना में मामला दर्ज किया गया था। कांड दर्ज होते ही भाई दिनेश कुमार गुप्ता की हत्या कर ससुराल पक्ष द्वारा शव को गंगा नदी में फेंक देने संबंधित आरोप लगाते हुए थानेदार के विरूद्ध आंदोलन करने की धमकी दी जाने लगी।
उक्त घटना के उदभेदन के लिए नवगछिया पुलिस अधीक्षक पुरन कुमार झा द्वारा अधोहस्ताक्षरी के नेतृत्व में थानाध्यक्ष रंगरा एवं डीआईयू नवगछिया की टीम गठित की गई। गठित टीम द्वारा 24 घंटे के अंदर तकनिकी अनुसंधान करते हुए अपहृत दिनेश कुमार गुप्ता को पटना के एग्जीबिशन रोड के पास से बरामद कर लिया गया। घटना का कारण यह है कि दिनेश कुमार गुप्ता की शादी वर्ष 2023 में नेहा कुमारी उम्र 19 वर्ष पे शैलेश कुमार गुप्ता सा जहांगीरपुर वैसी थाना रंगरा जिला भागलपुर से हुई थी। शादी के वक्त लड़का के परिजनों ने लड़का को एमबीबीएस डॉक्टर बताया था, जब कि वह एक झोला छाप डॉक्टर था। शादी में लड़का को दहेज स्वरूप 08 आठ लाख रूपया एवं अन्य साजो सामान दिया गया और शादी के बाद लड़का एवं परिजनों द्वारा वधु पक्ष से 10 लाख रूपया की फिर से मांग की जा रही थी।
जिसे मिलता ना देख लड़का एवं परिजनों द्वारा साजिश रचकर पहले लड़का को ससुराल भेजा गया, जहाँ से लड़का चुपके से पटना के लिए निकल गया और यहाँ परिजनों के द्वारा थाना में अपहरण की प्राथमिकी दर्ज करा दी गई। इस तरह के झूठा कांड दर्ज कराने के आरोप में वादी पक्ष के विरूद्ध विधि सम्मत् कार्रवाई की जायेगी। गौरतलब हो कि अपने ही समाज मे ऐसे ऐसे दुर्जन दहेज दानवों के द्वारा चंद पैसों के लिए इस तरह का घृणित कार्य किया जाता है। विवाह पुर्व लड़का बेरोजगार होता है और उसे किसी पद का नाम देकर या लड़का के पिता होम गार्ड पद पर हैं तो इंस्पेक्टर बताते हैं, लड़का होटल में थाली धोते हैं तो होटल मैनेजमेंट करने की उपाधि देकर लड़की पक्ष से मोटी रकम दहेज के रूप में ले लेते हैं। समाज के लोगो को ऐसे लोगों की ओछी मानसिकता को परखकर मुंह मोड़ने की जरूरत है।