नवगछिया के बिहपुर झंडापुर थाना क्षेत्र के एनएच 31 के पास झंडापुर कछुआ बहियार तुलसीपुर मौजा में रविवार सुबह लगभग 10 बजे खेत में रखे मकई के पुआल में आग लग गई। तेज हवा के कारण आग ने आसपास के खेतों में रखे पुआल को भी चपेट में ले लिया, जिससे कई बीघा मकई फसल और सैकड़ों लीची के पेड़ जलकर बर्बाद हो गए।
सूचना मिलते ही झंडापुर थानाध्यक्ष मनोज कुमार अपनी टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। बिहपुर से दमकल टीम करीब एक घंटे बाद पहुंची। ग्रामीणों और दमकल कर्मियों ने ढाई घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।
घटना के संबंध में दर्जनों किसानों ने बताया कि झंडापुर निवासी मनोज कुमार, पिता रामी कुमार ने अपने खेत में रखे मकई के पुआल में आग लगाई थी। जब ग्रामीणों ने मनोज को आग लगाने से रोका, तो उसने कहा कि उसने अपने ही खेत में आग लगाई है, दूसरों के खेत में नहीं। तेज हवा के कारण आग ने विकराल रूप धारण कर लिया और करीब 20 बीघा खेतों में रखे मकई पुआल को चपेट में ले लिया। इसके साथ ही सौ से अधिक लीची के पेड़ भी जलकर बर्बाद हो गए।
इस आगलगी में झंडापुर के किसान मोहन कुमार, पप्पू कुमार, मुकेश कुमार, टूटू कुमार, ललन राय, बबलू राय, पंकज राय, मन्नू राय, लड्डू सिंह, अशोक कुमार, और भूटो कुमार समेत कई किसानों की फसलें बर्बाद हो गईं। मोहन कुमार का खपरैल इंट का बासा भी जलकर राख हो गया।
ग्रामीणों ने बताया कि अगर समय रहते आग पर काबू नहीं पाया जाता, तो कछुआ बहियार से हरियो तक ढाई सौ बीघा में फैली मकई, आम और लीची की फसलें भी जलकर बर्बाद हो जातीं। ग्रामीणों ने इस घटना के लिए मनोज कुमार को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि सरकार ने पर्यावरण संरक्षण के लिए कई योजनाएं और जागरूकता अभियान चलाए हैं, जिनमें खेत में पुआल जलाने पर रोक है। इसके बावजूद इस तरह का कदम उठाना घोर निंदनीय है। ग्रामीणों ने मामले को लेकर स्थानीय थाना में आवेदन देने की बात कही है।
झंडापुर थानाध्यक्ष मनोज कुमार ने बताया कि आग पर काबू पा लिया गया है और अभी तक ग्रामीणों और किसानों से कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है। आवेदन मिलने पर जांचोपरांत कार्रवाई की जाएगी।