लॉकडाउन में भारतीय रेल किसानों के लिए मददगार बनकर सामने आई है। ‘किसान रेल’ के जरिये किसानों की उपज को बेहतर बाजार मिल रहा है। शुरुआती दौर में इस ट्रेन के जरिये कृषि उत्पाद को एक से दूरी जगह भेजा गया। अब बिहार के पशुपालकों का उत्पादित दूध विशेष रेल से झारखंड भेजा जा रहा है। आगे ऐसी ही एक ट्रेन असम के लिए भी चलाने की योजना है।
किसान दूध स्पेशल ट्रेन
बरौनी से झारखंड के बोकारो, धनबाद व टाटानगर के लिए किसान स्पेशल ट्रेन से दूध भेजा जा रहा है। दो टैंकर टाटानगर के लिए तथा एक-एक टैंकर बोकारो व धनबाद के लिए तीन ट्रिप किसान रेल को भेजा गया है। एक टैंकर में लगभग 46 हजार लीटर दूध भेजा जा रहा है। अब तक टाटा नगर के लिए छह टैंकर अर्थात तीन ट्रिप में 2.76 लाख लीटर जमशेदपुर, 3-3 टैंकर अर्थात 1.38 लाख लीटर धनबाद व 1.38 लाख लीटर बोकारो भेजा गया है। तीन ट्रिप में रेलवे को लगभग छह लाख रुपये की आय हुई है।
दानापुर तक आने वाली पहली ‘किसान रेल’ से 91 टन अनार, अंडा, बंदगोभी, मछली, प्याज, अदरक, लहसुन जैसी खाद्य सामग्री को महाराष्ट्र से दानापुर तक लाया गया। रेलवे को इस ट्रेन के परिचालन से 3.20 लाख रुपये की कमाई हुई। अब रेलवे ने इस ट्रेन को विस्तार देते हुए मुजफ्फरपुर तक कर दिया है।