- मामले में गांव के एक युवक को पुलिस ने गिरफ्तार
- मामले पर अभी भी रहस्य बरकरार
नवगछिया : रंगरा के उसरहिया धार में मिले 13 वर्षीय युवती की सिरकटी लाश तीनटंगा दियारा के झल्लू दास टोला निवासी नरहरि मंडल की ही पुत्री एकता कुमारी है. पूर्व में इस मामले में दर्ज करायी गयी अपहरण के मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए गांव के ही कुतरू मंडल टोला निवासी युवक प्रमोद मंडल के पुत्र संतोष कुमार मंडल को गिरफ्तार कर लिया है. युवक से सघन पूछ ताछ के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. पूरे मामले में पुलिस की भूमिका गैरजिम्मेदाराना रहा है. पीड़ित परिवार का कहना है कि अगर पुलिस सक्रिय रहती तो आज एकता जिंदा रहती. परिजनों का कहना है कि छ: जुलाई को जब एकता लापता हुई थी तो उनलोगों ने ग्यारह जुलाई को रंगरा पुलिस को आवेदन दिया था.
वरीय पुलिस पदाधिकारियों का भी दरवाजा खटखटाया था लेकिन किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई्. लिहाजा अहर्ताओं ने उसे 20 दिन तक अपने चंगुल में रखा फिर निर्मम हत्या कर दी गयी और सिरकटी लाश को गंगा किनारे फेंक दिया गया. हालांकि पुलिस अभी भी स्प्ष्ट रूप से यह कहने की स्थिति में नहीं है कि उक्त शव एकता का ही है. पुलिस का कहना है कि चूकि शव का कोई दूसरा दावेदार नहीं था इसलिए एकता के परिजनों को ही शव दे दिया गया. पूरा मामला डीएनए टेस्ट आने के बाद ही सामने आयेगा.
बहन ने कहा इस तरह की एकता की पहचान
एकता की बहन सुलोचना कुमारी ने किया है. सुलोचना का कहना है कि कपड़े उसकी बहन के ही थे तो दूसरी तरफ उसके पीठ पर एक काला निशान था जो शव पर भी था. हाथ पर एक धागा बंधा था, वही धागा शव के हाथ पर भी बंधा ही था. सुलोचना का कहना है कि वह पक्के तौर पर कह सकती है कि उक्त शव एकता का ही था. परिजनों का कहना है कि शव ज्यादा पुराना नहीं था. बरामदगी के पिछले 15 से 20 घंटे में ही उसकी हत्या की गयी होगी.
सामने आयी प्रेम प्रसंग की कहानी
ग्यारह जुलाई को रंगरा थाने में दिये आवेदन में कहा है कि छ: जुलाई की रात को एकता रहस्यमय तरीके से गायब हो गयी. काफी खोजबीन के बाद उनलोगों को कोई अता पता नहीं चला और यह बात सामने आयी कि गांव का ही संतोष मंडल ने एकता का अपहरण शादी की नियत से कर लिया है. उसके घर से एक लाख रूपया और 50 हजार की नगदी की गायब थी. परिजनों ने कहा कि एकता के गायब होने के बाद उनलोगों ने संतोष को पकड़ा भी था. लेकिन संतोष के परिजन उसे यह कह कर छुरा ले गये कि वे जल्द से जल्द लड़की को ला कर उसे दे देंगे. उठ रहे हैं कई तरह के सवाल रंगरा थाने में इस मामले में दो प्राथमिकी दर्ज की गयी है. एक प्राथमिकी एकता के अपहरण के बाद दर्ज की गयी थी तो दूसरी प्राथमिकी अज्ञात किशोरी की शव बरामदगी और उसकी हत्या का है. संतोष की गिरफ्तारी अपहरण मामले में हुई है.
हत्या के मामले में पुलिस अभी ज्यादा मगजमारी करने के मूड में नहीं दिख रही है. इसका फायदा अपराधियों को साक्ष्य छुपाने में मिल सकता है. पुलिस अभी तक मान ही नहीं रही है कि उक्त शव एकता का है. लेकिन परिस्थितिजन्य साक्ष्य और परिजनों के बयान से स्पष्ट है कि वह युवती अज्ञात नहीं बल्कि एकता ही है. भले ही युवती का सर अपराधियों ने छुपा दिया हो लेकिन परिजनों द्वारा एकता और उक्त शव के कद काठी, परिधान, शरीर के निशान आदि का मिलान होना इत्तेफाक नहीं हो सकता है. अगा उक्त शव एकता का नहीं है तो एकता है कहां ? दूसरी बात अगर संतोष ने शादी की नियत से एकता का अपहरण किया तो वह हत्या क्यों करेगा ? मामले में ऑनर किलिंग की बात भी सामने आ रही है. लेकिन हत्या बर्बरतापूर्ण तरीके को देख कर इस बात पर किसी को विश्वास नहीं हो रहा है. बहरहाल मामला में और भी ज्यादा रहस्य गहराता जा रहा है. युवती के असली कातिल तक पहुंचना पुलिस के एक चुनौती है.
कहती है एसपी
नवगछिया की एसपी स्वप्ना जी मेश्रम ने कहा कि मामले में दो प्राथमिकी दर्ज की गयी है. एकता के अपहरण मामले में आरोपी संतोष को जेल भेज दिया गया है. दूसरी तरफ डीएनए के बाद ही स्पष्ट होगा कि उक्त शव एकता की है या नहीं. लेकिन पुलिस सभी बिंदुओं को ध्यान में रख कर अनुसंधान कर रही है.