नवगछिया – अर्जुन कॉलेज ऑफ नर्सिंग नवगछिया में आयोजित आर्ट ऑफ लिविंग के ध्यान योग शिविर के दूसरे दिन स्वामी परमतेज जी महाराज ने सर्वप्रथम सभी प्रतिभागियों को योग के माध्यम से सूक्ष्म व्यायाम का अभ्यास कराया एवं फेफड़े के तीनों भागों को स्वस्थ एवं मजबूत करने की विधि प्राणायाम के माध्यम से सिखाया।
तत्पश्चात स्वामी जी ने “आर्ट ऑफ लिविंग” के प्रणेता श्री श्री रविशंकर द्वारा स्थापित “सुदर्शन क्रिया” के महत्व को बताते हुए कहा कि यह विश्व कल्याण के लिए सबसे प्रभावशाली श्वासों की लयबद्ध क्रिया है, जिसे अपनाकर विश्व के 186 देशों के लोग भयमुक्त, तनावमुक्त एवं खुशी पूर्वक जिंदगी जीने का आनंद ले रहे हैं।
सुदर्शन क्रिया के प्रथम चरण में ही श्री श्री रविशंकर की आवाज में “सोअहम” श्वासों की लयबद्ध पद्धति से सभी प्रतिभागी ध्यान की अवचेतन अवस्था में प्रवेश कर गए।
इसी चरण में प्रतिभागियों को एक नया उमंग, नई ताजगी, पूर्ण अलौकिक आनंद का अनुभूति होने लगी।
स्वामी परमतेज जी महाराज ने बताया कि विरोधाभासी मूल्य जैसे सुख-दुख एक दूसरे के पूरक हैं।
किसी विषय पर प्रत्येक व्यक्ति की राय अलग-अलग समय पर अलग-अलग होती है। इसलिए अन्य व्यक्ति की राय से अपनी आंतरिक खुशी प्रभावित नहीं होनी चाहिए।
एक प्रभावशाली प्रयोग के माध्यम से उन्होंने समझाया कि किसी भी कार्य में अपना शत-प्रतिशत कोशिश करने से परम आनंद एवं अलौकिक खुशी की अनुभूति स्वतः प्राप्त होती है। पुलिस उपाधीक्षक मुख्यालय सुनील कुमार पांडे ने अपने संबोधन में कहा कि नियमित सुदर्शन क्रिया के अभ्यास से हम लोग निश्चित रूपेण तमाम प्रकार के रोगों से छुटकारा पा लेंगे जिससे एक स्वस्थ समाज का निर्माण होगा।
आज के ध्यान योग कार्यक्रम में भागलपुर एवं नवगछिया के प्रशासनिक एवं पुलिस पदाधिकारी गण, दर्जनों पंचायत के मुखिया, जनप्रतिनिधि, अर्जुन कॉलेज के सभी प्राध्यापक गण, गैर शैक्षणिक पदाधिकारी एवं प्रशिक्षुगण ने सुदर्शन क्रिया के प्रथम चरण का अलौकिक आनंद प्राप्त किया। सत्र के समापन में अर्जुन सिंह के अध्यक्ष नीलम देवी ने स्वामी जी महाराज एवं सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद यापन किया .