बच्चों के निवाला पर मास्टर साहब का पढ़ रहा डाका, मिड डे मील का चावल बेचते प्रधानाध्यापक का वीडियो वायरल
भागलपुर,एक तरफ जहाँ बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक शिक्षा और विद्यालय की व्यवस्था को दुरुस्त बनाने के लिए काफी तेवर में दिखाते हैं खुद से सभी जिला में जाँच करते दिखते हैं. शिक्षकों में सुधार का दिशा निर्देश भी देते दिखते हैं. यहां तक की सप्ताह में जिला स्तर के अधिकारियो तक को जाँच करने का निर्देश दे चुके हैं और संध्या में अधिकारियो के साथ vc करके विद्यालय के स्थिति का जायजा भी लेते हैं वहीं दूसरी ओर भागलपुर में आक्रोशित छात्राएं अपनी मूलभूत सुविधाओं को लेकर सड़क पर उतर रही है तो कहीं मिड डे मील के अनाज की चोरी का मामला सामने आ रहा है।
ताजा मामला भागलपुर सुल्तानगंज प्रखंड स्थित मध्य विद्यालय कुमारपुर कटहरा का है जहां बच्चों के मिड डे मील पर प्रभारी प्रधानाध्यापक द्वारा रसोईया की सहयोग से मिड डे मील पर डाका डालने का आरोप लगाया गया है, जिसको लेकर लोगों में गुस्सा फूट पड़ा और विद्यालय के प्रभारी प्रधानाचार्य का घेराव किया, स्कूल के प्रधानाध्यापक प्रभाकर कुमार का एक वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है ,वायरल वीडियो में देखा जा सकता है की बोरियों में चावल भरकर उसे बेचा जा रहा है इस काम की जिम्मेदारी स्कूल के एक रसोईया गायत्री देवी को दी गई है इस काम में विद्यालय के कुछ बच्चों का भी सहयोग लिया जा रहा है ,घटना का वीडियो बनाकर ग्रामीणों ने इसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। ग्रामीणों ने प्रधानाध्यापक को मिड डे मील का अनाज बेचते रंगे हाथों पकड़ा वहीं दूसरी तरफ स्कूल के बच्चों को खाना नहीं मिलने पर ग्रामीणों और बच्चों ने जमकर हंगामा किया, आक्रोशित ग्रामीणों ने प्रभारी प्रधानाचार्य पर कार्रवाई की मांग की वही विद्यालय में आक्रोशित ग्रामीणों का माहौल देख घटनास्थल पर बीच बचाव के लिए उप मुखिया सीता देवी एवं प्रतिनिधि संजय मंडल वार्ड अध्यक्ष प्रतिनिधि तेज नारायण यादव पहुंचकर मामले को शांत कराया और उच्च अधिकारी को सूचना देकर कानूनी कार्रवाई करने की बात कही, इस मामले को लेकर स्कूल के प्रधानाध्यापक प्रभाकर कुमार ने बताया कि चावल बेचने का आरोप ग्रामीणों एंव बच्चों द्वारा गलत लगाया जा रहा है.चावल को रिफ्रेश के लिए गाँव के ही लोगों के पास भेजा जा रहा था।
विद्यालय की शिक्षिका मंजू देवी ने कहा इस चावल बेचने के गोरख धंधे की जानकारी मुझे नहीं है।
विद्यालय के छात्र राजा कुमार ने कहा हम लोगों को खाना सही से नहीं मिलता है क्योंकि विद्यालय का चावल शिक्षक व रसोइया की मदद से व्यापारी को बेच दिया जाता है।
ग्रामीण वरुण कुमार ने बताया कि विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक और रसोईया व्यापारी को ₹20 किलो की दर पर चावल बेचा करते हैं जिससे बच्चे भूखे रह जाते हैं एक बोरी का ₹100 बच्चों को ही भाड़ा देकर व्यापारी के पास चावल बेचने भेजा जाता है, 200 बच्चे हैं जिसमें 100 बच्चे का चावल बनता है मात्र 8 किलो चावल बनाने के चलते सभी बच्चे भूखे ही रह जाते हैं।
विद्यालय की रसोइया गायत्री देवी ने कहा चावल को बेचा नहीं जा रहा था उसे बदलने के लिए भेजा जा रहा था।
विद्यालय की दूसरी रसोईया ने कहा कि प्रभारी प्रधानाध्यापक और एक रसोईया की मिली भगत से विद्यालय का चावल व्यापारी को बेचा जाता है जिससे बच्चे भूखे रह जाते हैं यह सारा गोरख धंधा स्कूल बंद होने के बाद 5:00 शाम से शुरू होता है हाजिरी बनता है 200 बच्चों का और खाना बनता है डेढ़ सौ बच्चों का किसी तरह हम लोग बच्चों को खाना पूरा कर पाते हैं।
विद्यालय के प्रभारी प्रधानाचार्य प्रभाकर कुमार ने कहा चावल को रिफ्रेश करने के लिए भेज रहा था बेचने के लिए नहीं, कुल 453 बच्चे हमारे विद्यालय में है जिसमें 260 बच्चे रेगुलर आते हैं उसे अच्छे से खाना खिलाया जाता है ग्रामीणों का आरोप गलत है।