नवगछिया : कुदरत का करिश्मा कहें या मौसम की मार किसानों को बदहाली तक पहुंचा दिया गया हैं किसान आफ़त से उबरने की कोशिश ही कर रहे थे की मक्का में पूरा दाना नही आनें की शिकायतें प्राप्त होने लगी.! किसानों की शिकायत है कि मकई के भुट्टे में दाना की संख्या काफी कम है. साथ में कई भुट्टे में बिल्कुल ही दाना नहीं लगने की शिकायत मिल रही है.
किसानों की मानें तो प्रति एकड़ मक्का की खेती में 25 से 30 हजार की लागत आती है. जो किसी अन्य फसल में आने वाली लागत से अधिक है.
ऐसे में अगर किसानों मक्का की फसल भी दगा देती है. तो पहले से कर्ज में डूबे हैं किसानों की मुश्किलें ओर बढ़ सकती है..! किसान रामनारायण यादव, रूपेश कुमार रितेश , पिंटू यादव अपनें खेतों का फसल देखकर चिंतित हैं।
क्या कहते हैं सरपंच ढोलबज्जा के सरपंच सुशांत कुमार कहते है मेरे दो एकड़ मक्का में भी शिकायत हैं सरकार को इस और ध्यान आकृष्ट कर मुवावजा की व्यवस्था करनी चाहिए छोटे किसान कर्ज लेकर खेती किए हैं ऐसे में चिंता का विषय स्वाभाविक हैं।सरकार पहल करे जिससे किसानों को राहत मिल सकें