- पार्टी को विश्वास में लिए बिना तेजस्वी को उत्तराधिकारी घोषित करना भारी पड़ा
- सदस्यता जाने के डर से जदयू विधायकों ने साधी चुप्पी
- कमजोर मुख्यमंत्री नहीं रोक पाएँगे विघटन, जारी रहेगी टूट
बिहपुर – ई.शैलेन्द्र विधायक बिहपुर ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा के नेतृत्व में नई पार्टी के गठन की घोषणा जदयू में पहला विद्रोह है और इसके साथ ही नीतीश कुमार के संन्यास लेने की उलटी गिनती शुरू हो गई. ई.शैलेन्द्र ने कहा कि नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी को विश्वास में लिए बिना राजद के तेजस्वी प्रसाद यादव को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया ,
जिससे जदयू का कोई विधायक संतुष्ट नहीं. उन्होंने कहा कि जदयू के विधायक विधानसभा की सदस्यता छिन जाने के डर से उत्तराधिकारी घोषित करने के विरुद्ध बोल नहीं पा रहे , लेकिन तेजस्वी यादव को नेता मानने के लिए कोई तैयार नहीं. श्री शैलेन्द्र ने कहा कि तेजस्वी यादव या लालू परिवार के किसी व्यक्ति को जनता भी स्वीकार नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि बिहार के अतिपिछड़ा और लव-कुश समाज ने 15 साल तक कुशासन, हत्या – बलात्कार और फिरौती के लिए अपहरण का जो भयानक दौर देखा है, उसे वह भूल नहीं सकता. उन्होंने कहा कि लालू-राबड़ी के पुत्र तेजस्वी यादव परिवार से अलग नहीं हैं. विडम्बना यह कि जिस परिवार के भ्रष्ट राजपाट के विरुद्ध भाजपा के साथ मिल कर जदयू लड़ता रहा, उसी कुनबे के राजकुमार को नीतीश कुमार अपना उत्तराधिकारी बता रहे हैं. श्री शैलेन्द्र ने कहा कि मुख्यमंत्री अब काफी कमजोर हो चुके हैं। वे जदयू में विद्रोह और विघटन को रोक नहीं पाएँगे.