बिहार विधानसभा चुनाव से पहले जेडीयू और लोजपा के बीच तलवार खिंच गई है. आज बिहार में लोजपा ने एनडीए के साथ गठबंधन के भविष्य को लेकर भी कोई बड़ा फैसला ले सकता है. चिराग सीएम नीतीश कुमार से नाराज चल रहे हैं. वह कई बार बिहार सरकार की आलोचना कर चुके हैं. इस बैठक पर बिहार के बाकी राजनीतिक दलों की भी नजर हैं.
कोरोना संक्रमण को लेकर लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान की टिप्पणी से शुरू हुआ विवाद बयानबाजी में बदल गया. खासकर, जेडीयू सांसद राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह के बयान से लोजपा आक्रमक हो गई है. वहीं, लोजपा सूत्रों से मिल रही खबर के मुताबिक जमुई सांसद और लोजपा के राष्ट्रीय अध्ययक्ष चिराग पासवान आज पार्टी नेताओं की आपात बैठक बुलाई है. जानकारी के मुताबिक लोजपा नीतीश सरकार से अपना समर्थन वापस ले सकती है.
क्या होगा महागठबंधन का? चिराग की बैठक
चिराग पासवान पटना स्थित पार्टी कार्यालय पहुंच चुके हैं.
पार्टी के कई बड़े नेता पहले से यहां मौजूद हैं.
लिया जा सकता है बड़ा फैसला.
जेडीयू लोजपा के बीच चल रहे सियासी बयानबाजी के बीच चिराग पासवान कल देर शाम बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात कर वापस बिहार लौटे हैं. विधानसभा चुना व के बीच उपजे सियासी संकट के बीच चिराग ने पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं को पटना स्थित पार्टी कार्यालय में तलब किया है. लोजपा की आपात बैठक सुबह 10 बजे से पार्टी कार्यालय में होगी. बताया जा रहा है कि चिराग ने पीएम नरेंद्र मोदी के प्रतिक्रिया के मुताबिक ही बिहार में कोरोना टेस्ट में तेजी लाने की मांग की थी.
जिस पर जेडीयू नेताओं की चिराग पासवान पर बयानबाजी से लोजपा नेताओं में भारी नाराजगी है.
पीएमओ के ट्वीट पर छिड़ा सियासत
मुंगेर से जेडीयू सांसद ललन सिंह के तीखे बयान पर चिराग पासवान ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष से मुलाकात की है. बता दें कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर बिहार में टेस्टिंग बढ़ाने की बात कही थी. जिसे लोजपा ने रीट्वीट कर प्रधानमंत्री को बधाई दी थी. इस पर ललन सिंह ने चिराग पासवान को कालिदास तक की संज्ञा दे डाली. लोजपा का कहना है इस तरह जेडीयू सांसद ने पीएम का अपमान किया है. इससे नाराज लोजपा नीतीश सरकार से समर्थन वापस ले सकती है.