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नवगछिया : लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व छठ शुक्रवार की सुबह भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित करने के बाद संपन्न हो गया। इस महापर्व की शुरुआत मंगलवार को कद्दू भात से हुई थी, और गुरुवार को डूबते हुए सूर्य की पूजा के साथ मध्याह्न अर्घ्य अर्पित किया गया था। शुक्रवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देकर इस पर्व का समापन हुआ।

नवगछिया अनुमंडल के विभिन्न गंगा तट छठ घाटों और कृत्रिम छठ घाटों पर भक्तगण श्रद्धा और भक्ति भाव से भगवान सूर्य और छठी मैया की पूजा करने पहुंचे। इन घाटों पर छठ गीतों से वातावरण पूरी तरह भक्तिमय हो गया था।

शास्त्रों के जानकार हिमांशु रंजन झा ने बताया कि छठ महापर्व प्रकृति से जुड़ाव का पर्व है, जिसमें भक्त अपनी आस्था के साथ सूर्य देव की पूजा करते हैं। यह पर्व न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी बहुत महत्वपूर्ण है।

वहीं, नवगछिया की निवासी कुमारी मोती झा , सिंकू देवी और सुधा देवी ने बताया कि वे कई वर्षों से छठ व्रत करती आ रही हैं। उनका कहना है कि इस महापर्व के माध्यम से छठी मैया ने उनके जीवन में कई शुभ कार्य किए हैं और उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी हुई हैं। वे हर साल श्रद्धा और भक्ति से इस महापर्व को मनाती हैं।

इस वर्ष भी लाखों श्रद्धालुओं ने इस पर्व को श्रद्धा और विश्वास के साथ मनाया, और भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित किया ।

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