बिहपुर – सूर्योपासना के लिए प्रसिद्ध लोक आस्था का महापर्व छठ पारिवारिक सुख -समृद्धि तथा मनोवांछित फल प्राप्ति के लिए मनाया जाता है. लोकआस्था का महापर्व छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान शुक्रवार से शुरू हो गया .छठव्रती महिलाओं ने पूरी नेम निष्ठा के साथ अरवा चावल , चने का दाल व कद्दू की सब्जी पूरे विधि विधान का पालन करते हुये पकाया.जिसे पूजन के बाद सपरिवार प्रसाद को ग्रहण किया.छठ पुजा में पवित्रता का विशेष ध्यान रखा जाता है.जिन घरों में छठ व्रत का पर्व होता है।उस घर में लहसुन , प्याज आदि वर्जित रहता है.
आज शनिवार 29 अक्टूबर को खरना के दिन व्रती उपवास रखेंगी और शाम को खीर ,पूरी व फल का भोग भगवान भास्कर को लगायेंगी ,इसके बाद छठव्रती भोजन ग्रहण करेंगी और प्रसाद का वितरण करेंगी . मालूम हो की खरना की पूजा के बाद छठव्रती महिला व पुरुष 36 घंटे का निर्जला उपवास पर रहती है .वहीं 30अक्टूबर (रविवार ) को भगवान सूर्य को सायंकालीन अर्ध्य अर्पित किया जायेगा.इस दिन भी व्रती दिन भर उपवास रखती है और पानी में खड़े होकर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देगी.फ़िर दूसरे दिन 31अक्टूबर (सोमवार)को उजाला होने से पहले ही छठव्रती व श्रद्धालु गंगा घाट ,पोखर ,तलाब पर पहुंच कर उदयीमान भगवान भास्कर को अर्घ्य देंगे।इसके साथ ही लोक आस्था से जुड़े यह महापर्व सम्पन्न हो जायेगा.