ऋषव मिश्रा कृष्णा, नवगछिया : सपने लेकर सिक्किम, भूटान से बंगाल के रास्ते नवगछिया पहुंचने वाली लॉटरी यहां के लोगों को धनपति बनाने के सपने दिखाते दिखाते अब खूनी हो गयी है. नवगछिया वासियों को इसका अंदाजा तब लगा था जब पिछले वर्ष 2019 की 16 जून को मुमताज मुहल्ला निवासी मो नियाज मंसूरी की निर्मम हत्या का मामला सामने आया था. उस वक्त बात सामने आयी थी कि नियाज को जैक पॉट लगा था लेकिन उसे काफी कम रकम दी गयी. इस रकम पर भी लॉटरी के धंधेबाजों की नजर थी जब नियाज ने धंधेबाजों को रकम देने से इनकार दिया था तो उसकी हत्या कर दी गयी. नियाज की हत्या के बाद पता चला था कि नवगछिया में मासिक रूप से लॉटरी का व्यापार एक करोड़ रूपये से भी अधिक का है. नियाज की हत्या के बाद कई बार लॉटरी के धंधेबाजों को दबोचा गया, लाखों के टिकट भी जब्त किये गये लेकिन फिर भी हसीन सपने देखने और दिखाने का खूनी खेल बदस्तूर जारी है.
हत्या की जगह वही, अंदाज भी बिल्कुल वैसा ही
16 जून 2019 को सामने आये नियाज हत्याकांड को याद करें तो आप देखेंगे लॉटरी के धंधेबाजों ने एक बार फिर से उसी घटना की पुर्नरावृति की है. फर्क सिर्फ इतना है कि नियाज का शव बालू में दफन कर दिया था तो सुनील का शव पोखर में डूबो दिया गया था. निजाय के चेहरे पर भी एसिड डाली गयी थी तो सुनील को एसिड पिला कर मारने की बात सामने आ रही है. जिस जगह पर सुनील का शव बरामद किया गया है, ठीक दो सौ मीटर पूरब में नियाज का शव बरामद किया गया था. नियाज को मारने वाले भी लॉटरी के धंधेबाज थे तो सुनील की हत्या में आरोपियों के भी लॉटरी के धंधेबाज होने की बात सामने आ रही है. नियाज की हत्या का कारण लॉटरी का खेल था लेकिन सुनील की हत्या का कारण परिजन आपसी रंजिश बता रहे हैं. हालांकि सूत्र बता रहे हैं कि कहीं न कहीं सुनील की हत्या का लिंक भी लॉटरी से ही जुड़ा है. लेकिन लॉटरी के धंधे में सुनील कहीं नहीं था, इस तरह की बात सामने आयी है.
लॉटरी का मुख्यालय बन गया है मक्खातकिया चौक
कोरोना काल से पहले लॉटरी टिकट खरीद फरोक्त के कई स्थल थे. इनमें मक्खातकिया, स्टेशन चौक, गौशाला रोड, नवगछिया मुख्य बाजार स्थित दुर्गा स्थान चौक शामिल हैं. इनमें मक्खातकिया और स्टेशन चौक लॉटरी टिकट खरीद फरोक्ख्त के प्रमुख केंद्र हैं. कोरोना काल में नवगछिया स्टेशन पर पहले जैसी चहल पहल नहीं रहती है. इसलिए धंधेबाजों ने मक्खातकिया को ही टिकट खरीद फरोख्त का मुख्य स्थल बना लिया है. हमेशा चार से पांच टोलियों को इस धंधे में लिप्त देखा जाता है. आपसी रंजिश काफी पुराना
मृतक के भाई प्रमोद दास ने कहा कि दस दिन पहले घर के पास ही चौपाल लगा कर सभी बैठे हुए थे. इसी क्रम में सुनील दास ने आरोपी पक्ष में से एक वहां आता है और बैठने लगता है तो सुनील उसको दूर हट कर सोसल डिस्टैंसिंग में बैठने कहता है. इसी बात को लेकर दोनों के बीच विवाद हुआ और मौके पर सभी आरोपियों ने पहुंच कर सुनील की जबरदस्त पिटाई कर दी. प्रमोद का कहना है कि उस वक्त भी उसने पुलिस को सूचना दी थी लेकिन मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों पक्षों समझा बुझा कर कोरोना काल में घर में ही रहने की सलाह दे कर अपना पल्ला झाड़ लिया था. अगर उस समय पुलिस ने कार्रवाई की होती तो शायद आज सुनील की हत्या नहीं होती. मृतक सुनील के चाचा का कहना है कि हत्या का कारण दस दिन पहले हुआ विवाद ही है. लेकिन आरोपी पक्षों से उनके परिवार का पुराना विवाद है. उन्होंने बताया कि दोनों पक्षों के बीच जमीन का भी विवाद है.
बेसहारा हो गया सुनील का परिवार
सुनील की हत्या के बाद उसका पूरा परिवार बेसहारा हो गया है. सुनील अपने पीछे अपनी मां सीता देवी, पत्नी रूपा देवी, चार वर्षीय पुत्र सोनू कुमार, दो वर्षीय पुत्री शिवानी कुमारी को बेसहारा छोड़ गया है. सुनील रिक्शा चला कर किसी तरह अपने परिवार का भरन पोषण करता था. सुनील की पत्नी रीता देवी का रो रो कर बुरा हाल है. वह बार बार बेहोश हो जा रही थी तो मां का भी वहीं हाल है. परिवार के अन्य सदस्य गहरे सदमे और आक्रोश में हैं. मालूम हो कि चार भाईयों में सुनील दूसरे नंबर था. सबसे बड़ा भाई प्रमोद बेण्ड बाजा बजाने का काम करता है तो दो छोटे भाई दीपक और अनिल मेहनत मजदूरी करते हैं. जदयू के जिलाध्यक्ष विरेंद्र कुमार सिंह ने पीड़ित परिवार से मिल कर ढ़ाढ़स बंधाया है और उन्होंने पुलिस से त्वरित कार्रवाई करने की मांग करते हुए पीड़ित परिवार को समुचित मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग भी की है.
जल्द से जल्द होगी कार्रवाई
नवगछिया के थानाध्यक्ष अमर विश्वास ने कहा कि मामले में आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जायेगा और नवगछिया से लॉटरी के काले धंधे को भी समाप्त करने के लिए आवश्ययक कदम उठाये जायेंगे.