


भागलपुर,त्रेता युग में श्रवण कुमार के द्वारा अपने दिव्यांग मां और पिता को बहंगी में बिठाकर तीर्थ यात्रा पर ले जाने की कहानी आपने जरूर सुनी होगी , आज जो हम आपको खबर दिखाने जा रहे हैं वह कलयुग के श्रवण कुमार की है | यह तस्वीर भागलपुर सुल्तानगंज के कच्ची कांवरिया पथ की है , जहां दो भाई अपनी मां को बहंगी में बिठाकर बाबा बैद्यनाथ धाम और बाबा बासुकीनाथ धाम का तीर्थ कराने निकले हैं |इस युग में जहां लोग अपने वृद्ध माता-पिता को वृद्ध आश्रम में छोड़ आते हैं वहीं खगड़िया जिले के चौथम निवासी पवन साह और सुनील साह अपनी मां को कांवर में बिठाकर तीर्थ यात्रा पर निकले हैं |

पवन साह और सुनील साह बताते हैं कि उनके पिता की मौत 2010 ईस्वी में हो गई और उनकी इच्छा थी कि अपने मां और पिता को कावड़ में बिठाकर तीर्थ यात्रा पर ले चलें ,लेकिन पिता की मौत के बाद अकेली मां को लेकर जाना पड़ रहा है | दोनों भाइयों ने नई पीढ़ी के युवाओं से अपने माता-पिता की सेवा की बात कही तो वही मां शोभा देवी भी अपने पुत्रों के कार्य से काफी प्रसन्न दिखाई दी और अपने पुत्रों की तरह ही सभी माता-पिता के पुत्र होने की कामना ईश्वर से करते दिखे.

मिली जानकारी के मुताबिक बिहार के खगड़िया जिले के चौथम निवासी पवन साह और सुनील साह अपनी मां को कांवर के डाला में बैठाकर सुल्तानगंज गंगा घाट से जलभर 105 किलोमीटर की इस यात्रा पर निकले है।रास्ते में देखने वालों की काफी भीड़ लगी रही।लोगों ने भी इस कार्य को देखकर काफी सराहना की।इस बहंगी के एक हिस्से पर पवन साह और दूसरे हिस्से पर सुनील साह अपने कंधे पर लेकर आगे बढ़ रहे थे।दोनो भाइयों ने कहा की लंबी रास्ता जरूर है ,इसको तय करने में समय लगेगा लेकिन बाबा भोलेनाथ पर अटूट विश्वास है जरूर रास्ता तय कर लेंगे।हर-हर महादेव’, ‘बोल बम’ जैसे नारों के साथ वे इस यात्रा में बढ़ रहे हैं। कड़ी धूप और उमस के बीच वह लंबा सफर तय कर रहे हैं।
लोगों ने कहा -:
एक ओर लोग जहां अपने वृद्ध मां पिता को लेकर वृद्धा आश्रम में छोड़ देते है वहीं आज इस दृश्य को देखकर ऐसा लगा कि अभी भी धरती पर श्रवण कुमार जैसे पुत्र है।उन्होंने कहा की लोगों और आजकल के युवाओं को देखकर सीख लेनी चाहिए।
