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गजाधर भगत रोड के समीप तीन दिवसीय शिव महापुराण कथा में श्रद्धालुओं को कथा का रसपान कराते हुए अयोध्या से पधारे आचार्य अजय शुक्ल ने कहा कि महामृत्युंजय मंत्र बाबा भोलेनाथ को प्रसन्न करने का सर्वश्रेष्ठ माध्यम माना जाता है. इसके जप मात्र से ही मानव जीवन की समस्त ब्याधियां व बाधाएं दूर हो जाती हैं. स्नान के समय अगर आप इस महामंत्र को जपते हैं तो आरोग्यता प्राप्त होती है.

मंत्र के जाप के समय यदि दूध में निहारा जाय व बाद में उस दूध का सेवन किया जाए तो यौवन की सुरक्षा प्राप्त होता है. शिवत्व एक रक्षा चक्र है, शक्ति चक्र है जो साधक को हर तरह से सुरक्षित कर देता है.शिव साधना से भक्तों की हर तरह की मनोकामना पूर्ण होती है. यह जगत शिवशक्ति स्वरूप ही है. शिव ही आदि गुरु कहलाते हैं. इसलिए इनके ध्यान से गुरु कृपा स्वतः मिलने लगती है. गुरु का ध्यान शिव का ही धर्म है. अगर पूरे ब्रह्मांड में कोई परम् तत्व है,परम् स्थिति है तो वह शिव ही हैं,जो जागृत, स्वप्न और सुप्त तीनों अवस्था के स्वामी हैं.

बाबा भोलेनाथ की सच्चे मन से आराधना करने वाले को पूरे धरती पर आजीवन कोई दुःख ,रोग,शोक नहीं होता है. सभी देवताओं में सबसे जल्द अपने भक्त पर दया करने वाले देवता हैं. बाबा भोलेनाथ को सबसे प्रिय अधिक मास में जो भक्त पवित्र मन से पूजा अर्चना करते हैं बाबा की कृपा से भक्तों को दिव्य फल की प्राप्ति होती है. शिव ही पालन कर्ता व विनाश कर्ता हैं. भक्त अगर पूरे मनोयोग से इनकी आराधना करता है तो जीवन आनंदमय हो जाता है. कथा के दौरान मुख्य यजमान मुकेश कुमार गुप्ता, सेजल गुप्ता, रीतेश कुमार, तनीषा, प्रशांत कुमार, आशीष कुमार,चंद्रकांत झा,दिनेश मंडल, खुशी कुमारी, अंकित कुमार, अभिनंदन कुमार आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे.

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