बिहपुर। सामाजिक भेदभाव और वंचना के शिकार महिलाओं के लिए शिक्षा का मार्ग प्रशस्त करने वाली भारत की द्वितीय महिला और मुस्लिम समाज की प्रथम शिक्षिका फातिमा शेख की 194वीं जयंती बिहपुर के चकप्यारे गांव में समारोहपूर्वक मनाई गई।
कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि मो. मोइन राईन और राजद नेता गौतम कुमार प्रीतम ने कैंडल जलाकर और पुष्प अर्पित कर की। कार्यक्रम की अध्यक्षता ओबीसी महासभा के प्रदेश सचिव पंकज सिंह ने की, जबकि संचालन सामाजिक न्याय आंदोलन, बिहार के विनोद सिंह निषाद ने किया।
राजद नेता गौतम कुमार प्रीतम और जिला परिषद सदस्य मो. मोइन राईन ने अपने संबोधन में कहा कि जब भारतीय समाज में पितृसत्तात्मक व्यवस्था और मनुवादी विचारधारा का प्रभाव था, तब महिलाओं और शूद्र-अतिशूद्र को शिक्षा से वंचित रखा गया। ऐसे समय में महामना जोतीराव फुले, सावित्रीबाई फुले और फातिमा शेख जैसे महानायकों ने शिक्षा का मार्ग प्रशस्त किया। आज भी दलित-शोषित-वंचित समाज को हाशिए पर रखने की साजिशें जारी हैं। लेकिन शिक्षा के अधिकार के लिए संघर्ष जारी रहेगा।
कार्यक्रम को मो. सोहराब अली शाह, दीपक दीवान, शशि रावण, अनुपम आशीष और मो. खुर्शीद आलम ने संबोधित किया। सभी ने फातिमा शेख के संघर्ष और उनके योगदान को नमन किया।
मौके पर मुकेश सिंह, बसंत कुमार, मो. मेराज, नीरज कुमार सिंह, विकास सिंह, मो. इकबाल सहित कई अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे। समारोह ने महिला शिक्षा और सामाजिक न्याय की दिशा में फातिमा शेख के योगदान को याद कर उनके आदर्शों को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया।