महान साहित्यकार मुंशी प्रेमचंद की जयंती मनाई गई
मैं एक मजदूर हूं जिस दिन कुछ लिख न लूं उस दिन मुझे रोटी खाने का कोई हक नहीं, सचमुच यह मुंशी प्रेमचंद की वाणी लोगों को झकझोर कर रख देती है। उनके कलम की ताकत उन्हे अपना बना लेती है।
उनकी लेखनी में मुख्य रूप से गांव का चरित्र चित्रण लाज़वाब रहा है और यही बात उन्हे सबसे अलग बनाती है। हम कह सकते हैं की” जिन वृक्षों की जड़े गहरी होती है उन्हें बार बार सींचने की ज़रूरत नहीं”एक महान कथाकार, नाटककार, पत्रकार, व बहुमुखी प्रतिभा धनी प्रेमचंद का जन्म दिवस के.
उपलक्ष्य में तेज नारायण बनैली महाविद्यालय हिंदी विभाग द्वारा हिंदी साहित्य के महान साहित्यकार मुंशी प्रेमचंद्र के जयंती का आयोजन किया गया जिस आयोजन में मुख्य रूप से प्रेमचंद की प्रेरणादायक कहानी कफन का नाटकीय मंचन किया गया और साथ ही बहुत ही छात्रों के प्रस्तुति एवं भाषण निबंध द्वारा इस कार्यक्रम को सफल बनाया गया।
जिसमें मुख्य रुप से महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ संजय कुमार चौधरी एवं स्नातकोत्तर हिंदी विभागाध्यक्ष डॉक्टर योगेंद्र एवं टी एन बी कॉलेज के पूर्व प्राध्यापक डॉक्टर अंजनी कुमार राय थे। यह कार्यक्रम टी एन बी कॉलेज के महाविद्यालय प्रशाल में संपन्न हुई।