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  • काफी मशक्कत के बाद शौच करवा कर निकाल गया मोबाइल और दो केबल तार
  • मामले की होगी प्राथमिकी

नवगछिया – नवगछिया अनुमंडल कारा के एक विचाराधीन बंदी ने व्यवहार न्यायालय में पेशी के बाद लौटते वक्त अपने मल द्वार में मोबाइल और चार्जर केबल छिपा कर उपकारा में प्रवेश करने का प्रयास किया है. लेकिन मेटल डिटेक्टर के माध्यम से सुरक्षा कर्मियों को शक हुआ. जेल के वरीय पदाधिकारियों के आदेश पर नवगछिया अनुमंडलीय अस्पताल में बंदी का एक्सरे कराया गया तो बात सामने आयी कि बंदी के मलाशय (रेक्टम) में मोबाइल और चार्जर का केबल है. नवगछिया अनुमंडल अस्पताल में चिकित्सकों द्वारा काफी मशक्कत के बाद शौच करवा कर क्रमशः मोबाइल, और चार्जर का दो केबल बाहर निकाला है. मामले की बाबत जेल प्रशासन ने मलाशय से निकाले गए सामानों की जब्ती सूची बना कर नवगछिया थाने में मामले की प्राथमिकी दर्ज करने की तैयारी कर रहा है. विचाराधीन बंदी नवगछिया थाना क्षेत्र के महदतपुर निवासी रहीम आलम है.

जानकारी मिली है कि वह रकम देन लेन के मामले में लगभग छः माह से अनुमंडल कारा में है. सोमवार को रहीम पेशी के लिये दोपहर करीब 12 बजे अनुमंडल कारा से नवगछिया न्यायालय गया था. जहां कुछ देर के लिये उसे कोर्ट हाजत में भी रखा गया था. आशंका है की कोर्ट हाजत में ही उसने मोबाइल और चार्जर का केबल मल द्वार में छिपा लिया होगा. शाम साढ़े चार बजे उसे पुनः जेल में प्रवेश करने के लिये जेल गेट पर लाया गया. जहां रोजाना सघन तलाशी ली जाती है. तलाशी के क्रम में मेटल डिटेक्टर से चेक करने पर पता चला कि उक्त बंदी के पास धातू का कुछ सामान जरूर है. लेकिन बार बार तलाशी के बाद भी सुरक्षा में लगे पुलिस कर्मियों को कुछ नहीं मिल पा रहा था.

जिसके कारण उसे गेट पर ही कुछ देर रोक कर रखा गया और अन्य बंदियों को जेल में प्रवेश करवा दिए जाने के बाद बंदी की फिर से तलाशी ली गयी तो मेटल डिटेक्टर में बंदी के शरीर मे किसी धातू के होने की पुष्टि हो रही थी लेकिन भौतिक रूप से कुछ भी नहीं मिल रहा था. इसके बाद सुरक्षा कर्मियों द्वारा जेल के वरीय पदाधिकारियों को सूचना दी गयी, जिसके बाद पदाधिकारियों के आदेश पर बंदी को अस्पताल भेजा गया. अस्पताल में एक्सरे कराए जाने के बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ. एक्सरे में मोबाइल और चार्जर के दो केबल स्पष्ट देखे जा रहे थे. फिर चिकित्सकों द्वारा काफी मशक्कत के बाद बंदी को शौच करवाया गया तो एक छोटा मोबाइल और एक केबल बाहर निकला. करीब डेढ़ घंटे इंतजार के बाद दवाओं के प्रयोग से दूसरी बार शौच कराया गया तो पुनः एक केबल निकाला गया. हालांकि चिकित्सकों को युवक ने बताया कि हाजत में मोबाइल और चार्जर उसने लावारिस अवस्था में देखा तो तीनों सामानों को उसने खा लिया था. इधर चिकित्सकों ने अपना नाम न छापने के शर्त पर बताया कि तीनों समान मलाशय में फंसा हुआ था. सांभावन है कि मल द्वार के रास्ते से ही सामानों को मलाशय तक पहुंचाया गया होगा. मुख के रास्ते समान मलाशय तक आने में काफी वक्त लगता है, उसमें भी सामान ज्यादा था और अपेक्षाकृत बड़ा भी. इसलिये उक्त सामानों को मुख से मलाशय तक पहुंचना संभव नहीं लगता है. लेकिन इस तरह की हरकत किसी को नहीं करना चाहिए, यह जानलेवा भी हो सकता था. बहरहाल बंदी की हालत ठीक है और उसे पुनः जेल भेज दिया गया है.

कहते हैं काराधीक्षक

नवगछिया अनुमंडल काराधीक्षक तारिक अनवर ने कहा कि मेटल डिटेक्टर के माध्यम से इस तरह का मामला उजागर हो सका. बंदी को पुनः कारा में प्रवेश करा दिया गया है. मामले में कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

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