नवगछिया – रंगरा थाना क्षेत्र के साधोपुर में पुलिस और ग्रामीणों के बीच हुई झड़प में रंगरा थाना द्वारा गांव के करीब एक सौ लोगों को नामजद और 300 लोगों पर अज्ञात प्राथमिकी दर्ज की गई है. इस प्राथमिकी में कई तरह की त्रुटि दिख रही है. प्राथमिकी में मरे हुए लोगों का भी नाम दर्ज कर दिया गया है. गांव के स्वर्गीय बसंत मंडल की पत्नी सरली देवी का निधन करीब 2 साल पहले ही हो चुका है. इसके बावजूद पुलिस ने अपने प्राथमिक ही में मृत सरली देवी का नाम भी दर्ज कर दिया है. यही नहीं गांव के महेश्वर मंडल, किशन मंडल सहित अन्य कई लोग बाहर कम करते हैं. उनका नाम भी पुलिस ने एफआईआर में दर्ज कर लिया है.
गिरफ्तारी के भय से पलायन
100 नामजद तो आश्वस्त हैं कि उनका नाम एफआईआर में है. लेकिन 300 अज्ञात लोगों का का जिक्र गांव के हर किसी महिला पुरुष को भयभीत कर दिया है. बड़ी संख्या में गांव के लोग पलायन कर गए हैं. ग्रामीणों ने बताया कि चार सौ से अधिक परिवार अपने अपने घरों में ताला लटका कर फरार हैं.
टूटने को है पुलिस पब्लिक के बीच विश्वास की कड़ी
इस घटना क्रम में पुलिस खुद कह रही है कि ग्रामीणों में भ्रांति फैल गयी कि गोली पुलिस ने चलाई है. इस मतलब साफ है ग्रामीणों ने तात्कालिक रूप से भ्रांति का शिकार हो कर पुलिस पर हमला किया. पुलिस ने भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है. पुलिस ने भी लाठी चार्ज किया. कई लोगों ने बताया कि अब ऐसी स्थिति में पुलिस को यह साबित करना चाहिए था कि पुलिस आम लोगों की रक्षक है. लेकिन 100 नामजद और 300 अज्ञात पर प्राथमिकी पुलिस के बदले ही भावना को प्रदर्शित करता है. उपद्रव में 50 से ज्यादा लोग शामिल नहीं थे. पुलिस के भय से बड़ी संख्या में लोगों का पलायन करना पुलिस के लिये सोचनीय तथ्य है.
नेताओं ने किया गांव का दौरा
आजाद हिंद मोर्चा के अध्यक्ष राजेंद्र यादव ने कहा कि पुलिस को गांव में अमन चैन का माहौल बनाना चाहिए. इसके लिये जिले के अनुभवी पुलिस पदाधिकारियों को पहल करना चाहिए, लेकिन गांव में दहशत का माहौल है तो लोकतांत्रिक मूल्यों के चिंता का विषय है. इधर भाकपा मामले की जिला सचिव कामरेड बिंदेश्वरी मंडल ने एक प्रेस नोट जारी करके कहा है कि बुधवार को भाकपा माले की एक कमेटी साधोपुर गांव जा कर मामले की जांच करेगी.