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मड़वा पूरव पंचायत औलियाबाद के सार्वजनिक पुस्तकालय में भारत की प्रथम मुस्लिम शिक्षिका फातिमा शेख की 193 वीं जयंती मनाई गई.पुस्तकालय में शिक्षार्थियों के बीच पुष्पांजलि सह विचार गोष्टी कार्यक्रम का आयोजन किया गया.तस्वीर पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलित करके फातिमा शेख के कृतज्ञ को याद किया. कार्यक्रम का आयोजन पुस्तकालय के प्रभारी सचिव मो. बब्लू की देख रेख में हुआ. मो. बब्लू ने कहा की माता फातिमा शेख ने मुस्लिम समाज और शरियत के कठोर धार्मिक नियम कानून की परवाह किए बिना समाज की सभी लड़कियों एवं महिलाओं की स्वतंत्रता के लिए आजीवन संघर्ष किया. उन्होंने पुरुष सत्तात्मक सामाजिक एवं धार्मिक व्यवस्था को ललकारती हुई महिलाओं को समानता,

स्वतंत्रता, न्याय और सम्मान दिलाने में शिक्षा को सबसे बड़ा औजार बताया और लड़कियों की शिक्षा एवं लोकतांत्रिक भारत की नींव रखीं.वहीं कार्यक्रम का संचालन कर रहे सुजीत कुमार सुमन ने कहा ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले को स्कूल खोलने और अध्यापन में मदद देने का साहस इन्होंने उठाया. जब विभिन्न समाजों ने फुले दम्पति के रास्ते में अवरोध पैदा किये तो फातिमा शेख ने भाई उस्मान शेख के साथ अपने दरवाजे खोल दिये.इस तरह लड़कियों के लिए पहला स्कूल फातिमा शेख के घर में खुला.और साथ में मिलकर पठन – पाठन का कार्य करने लगीं. कार्यक्रम के दौरान आंगनबाड़ी सेविका शांति देवी,गुड्डू निषाद,बिहारी निषाद,सदानंद कुमार, अमित यादव, दीपक यादव, गोपाल साह, राजेश रजक, सावन पासवान, नवनीत सिंह, सहित कई छात्राएं सिमरन, रेखा, अलका,रुची,काजल आदि शिक्षार्थी मौजूद रहें.

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