


गुजरात के सूरत में बिहारी मजदूर की मौत, अंगदान से 6 लोगों को मिली नई जिंदगी
भागलपुर जिला के शिवनारायणपुर थाना अंतर्गत बभनगामा कलगीगंज गांव के रहने वाले चमक लाल गुजरात के सूरत में मजदूरी कर परिवार का पालन-पोषण करते थे। लेकिन 28 मार्च को हुई एक दर्दनाक घटना ने उनके जीवन की कहानी को अमर बना दिया।
स्थानीय लोगों के अनुसार, काम से लौटते वक्त अचानक चक्कर आने से चमक लाल जमीन पर गिर पड़े, जिससे उनके सिर में गंभीर चोट आई। इलाज के दौरान उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया। वहीं कुछ प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि वह एक क्रेन दुर्घटना का शिकार हुए थे।
ब्रेन डेड घोषित किए जाने के बाद डोनेट लाइफ संस्था के संस्थापक परिवार से मिले और देहदान की पहल की। एक अप्रैल को परिजनों ने सहमति दे दी। इसके बाद चमक लाल के अंगों से छह लोगों को जीवनदान मिला—किसी को किडनी, किसी को हार्ट, लीवर और आंखें मिलीं।
अहमदाबाद स्थित संस्था द्वारा उनका पार्थिव शरीर भागलपुर भेजा गया। संस्था ने यह भी घोषणा की कि वह चमक लाल के तीनों बेटों की पढ़ाई का खर्च उठाएगी।

इस घटना ने जहां मानवता की एक मिसाल कायम की है, वहीं अब यह मामला तूल पकड़ रहा है। एक ओर राजनीतिक हलकों में हलचल बढ़ गई है, तो दूसरी ओर श्रम संसाधन विभाग ने भी संज्ञान लेना शुरू कर दिया है।
चमक लाल के घर में मातम पसरा है। बड़े बेटे ने उन्हें मुखाग्नि दी। पत्नी ललिता देवी ने आंखों में आंसू और दिल में गर्व के साथ कहा, “हमें गर्व है कि मेरे पति ने मरने के बाद भी दूसरों को जीवन दिया, लेकिन उनका साथ छिन गया, यही सबसे बड़ा दुख है।”
चमक लाल अपनी मृत्यु के बाद भी कई परिवारों के लिए जिंदगी की रोशनी बन गए—वो सच में मर कर भी अमर हो गए।